नई दिल्ली। बिहार में शुरू हुई राजनीतिक उठापटक ने पूरे हिंदुस्तान की राजनीति को गुलजार कर दिया है। प्रदेश में बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है। पहले सुबह राजद विधायकों की बैठक हुई। इसके बाद शाम सात बजे जदयू विधायक की और इसके बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के विधायक भी सक्रिय मुद्रा में आकर बैठक करने बैठ गए। इतना ही नहीं, एक तरफ जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार में चल रही राजनीतिक उठापटक से अनभिज्ञता जाहिर की, तो वहीं दूसरी तरफ खबर है कि राहुल गांधी ने मांझी को फोन कर उन्हें इंडिया गठबंधन में आने का न्योता दिया है। फिलहाल, मांझी खेमे में बैठकों का दौर जारी है।
उधर, बताया जा रहा है कि कल सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक होगी, जिसके बाद नीतीश कुमार बीजेपी के खेमे में शामिल होंगे। वो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उधर, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से लेकर तेजस्वी यादव इस प्रकरण पर कुछ भी कहने से गुरेज ही कर रहे हैं। बहरहाल, अब सभी को कल का इंतजार है, जब प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है, लेकिन आइए उससे पहले ये जान लेते हैं कि अब तक राजनीतिक मोर्चे पर सूबे में क्या कुछ घटा है।
आपको बता दें कि कल नीतीश कुमार 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले वो आठ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। नीतीश कुमार ने पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम पद की शपथ ली थी, जिसके बाद वो पांच साल तक प्रदेश के सीएम पद पर काबिज रहे। इसके बाद उन्होंने 24 नवंबर 2005 को दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। तीसरी बार उन्होंने 26 नवंबर 2010 को सीएम पद की शपथ ली थी। वहीं, चौथी बार उन्होंने 22 फरवरी 2015 को सीएम पद की शपथ ली थी। उधर, पांचवी बार 20 नवंबर 2015। छठी बार – 27 जुलाई 2017। सातवीं बार – 16 नवंबर 2020। वहीं, आठवीं बार – 9 अगस्त 2022। अब कल नीतीश कुमार नौवी बार सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।
ध्यान दें, आज राजद विधायक दल की बैठक में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया कि मैंने हमेशा ही नीतीश कुमार का सम्मान किया है और हमेशा ही करता रहूंगा। सनद रहे कि पिछले कई दिनों से जहां नीतीश कुमार का बीजेपी की ओर से झुकाव देखने को मिल रहा है, तो दूसरी तरफ सुशासन बाबू की तेजस्वी यादव से दूरियां बढ़ती ही जा रही है। बीते दिनों कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, तो नीतीश और तेजस्वी अलग-अलग रास्तों से अलग-अलग समय में बैठक में शामिल हुए थे। इससे पहले दोनों एक ही समय में… वो साथ-साथ बैठक में शामिल होते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से दोनों के बीच दूरियां देखने को मिली है, उससे स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में कुछ ठीक नहीं है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में प्रदेश की राजनीति क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।