
पटना। प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक करने वालों पर अब राज्य भी शिकंजा कसने लगे हैं। केंद्र सरकार ने पहले ही पेपर लीक को रोकने का कानून लागू कर दिया है। अब बिहार भी पेपर लीक करने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान करने जा रहा है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार आज राज्य विधानसभा में पेपर लीक निरोधक कानून का बिल पेश करने जा रही है। बता दें कि बीते दिनों ही बिहार में नीट का पेपर लीक करने के मामले में इंजीनियर और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों समेत कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने इस बिल को बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024 का नाम दिया है। इस बिल के पास होने के बाद बिहार में पेपर लीक करने वालों की शामत आनी तय है। बिहार सरकार के पेपर लीक निरोधक बिल में 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही पेपर लीक के दोषियों पर 10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ का जुर्माना लगाने का भी रास्ता इससे खुलेगा। बिहार के पेपर लीक निरोधक कानून का बिल पास होने के बाद इस कदाचार में अगर कोई अभ्यर्थी शामिल होता है, तो उसे 3 से 5 साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना भरना होगा। वहीं, संस्थानों की भूमिका अगर पेपर लीक में रही, तो उनके कर्ताधर्ताओं के लिए 10 साल की कैद और 1 करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान है।
बीते कुछ साल से पेपर लीक का मुद्दा देशभर में छाया है। खासकर उत्तर भारत के राज्यों की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक की तमाम घटनाएं हो चुकी हैं। पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून न होने के कारण वे जल्दी ही जेल से बाहर आ जाते हैं और फिर इस कदाचार में जुटते हैं। विपक्ष ने भी बीजेपी और एनडीए शासित राज्यों में पेपर लीक की घटनाओं को बड़ा मुद्दा बना रखा है। इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में पेपर लीक निरोधक जो कानून पास कराया था, उसे नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी के बाद लागू कर दिया था। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भी विधानसभा के अगले सत्र में पेपर लीक निरोधक कानून लाने की तैयारी कर रही है।