नई दिल्ली। भाई साहब…अब क्या ही बताएं आपको…मनसे वाले राज ठाकरे ने नो गरदा मचा रखा है…पिछले कुछ दिनों से साहब के तेवर गरम हुए पड़े हैं…लगता है मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तख्तनशी होकर ही जनाब के दिल को करार मिलेगा…हर मसले पर अपनी बेबाकी दिखाने वाले राज ठाकरे पिछले कुछ दिनों से सियासी गलियारों में सभी बयानवीरों को पीछे छोड़कर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में छाएं हुएं हैं। मस्जिदों में लगने वाले लाउडस्पीकर के खिलाफ अब तो उन्होंने झंडा बुलंद कर लिया है। मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजना अब उन्हें बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा है। वे साफ कर चुके हैं कि अगर जल्द ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो विरोधस्वरूप हनुमान चालीसा बजाया जाएगा। उन्होंने साफ कर दिया है कि कुछ लोग इसे राजनीतिक मसला करार दे रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें साफ किए देता हूं कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, अपितु धार्मिक मुद्दा है, लिहाजा इस पर विचार-विमर्श की आवश्यकता है, अन्यथा निकट भविष्य में यह गंभीर रुख अख्तियार कर सकती है।
राज ठाकरे कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि महाराष्ट्र में कई मस्जिदों से लाउस्पीकर हटाए जा चुके हैं, मैं ऐसे लोगों को धन्यवाद देता हूं, लेकिन कुछ हठ किस्म के लोग हैं, जो मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने की बात से इनकार कर रहे हैं, मैं उन लोगों को कह देना चाहता हूं कि जल्द से जल्द लाउडस्पीकर हटा लें, अन्यथा इन लोगों के खिलाफ विराट आंदोलन किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि वे कभी प्रार्थना या अजान के खिलाफ नहीं रहें, लेकिन यह सब कुछ बिना लाउस्पीरकर के होना चाहिए, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो। ठाकरे ने यह भी कहा कि त्योहार सरीखे विशेष अवसर पर लोगों को अनुमति के आधार पर धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाए जाने की इजाजत होगी, लेकिन साल भर यह सिलसिला जारी रहेगा। राज ठाकरे ने कहा कि अभी तक मुंबई स्थित 1400 मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं और 135 मस्जिदों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लाउडस्पीकर से अजान की है। लेकिन अभी-भी कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गाए।
मैं इस संदर्भ में राज्य सरकार से पूछना चाहता हूं कि आखिर उपरोक्त संदर्भ में क्या कुछ कार्रवाई की गई है। बता दें कि विगत दिनों मनसे प्रमुख राज ठाकरे ऐलान किया था कि अगर आगामी 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो विरोधस्वरूप हनुमान चालीसा बजाई जाएगी। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर सियासत का सिलसिला जारी है। अब यह पूरा मामला आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।