newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Andhra Pradesh Capital: हैदराबाद नहीं, बल्कि ये होगी आंध्र प्रदेश की राजधानी, CM रेड्डी का बड़ा ऐलान

उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से आंधप्रदेश के लिए अलग राजधानी की घोषणा कर दी है। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि अब से आंध्र प्रदेश की नई राजधानी विशाखापट्टनम होगी। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “मैं आप सभी को विशाखापट्टनम आमंत्रित करने आया हूं जो आने वाले दिनों में हमारी राजधानी बनने जा रहा है।

नई दिल्ली। चोलिए थोड़ा अतीत में चलते हैं। आज से कुछ वर्ष पहले साल 2014 में दीर्घ आंदोलन के परिणामस्वरूप आंध प्रदेश से एक राज्य का जन्म हुआ था। जिसका आगे चलकर नाम तेलंगाना पड़ा। याद कीजिए, उन दिनों इसे लेकर खूब हंगामा हुआ था। आंध प्रदेश में कई लोग नए राज्य की मांग को लेकर आंदोलन करने पर उतारू हो गए। जिसके बाद उन्हें नया राज्य प्रदान किया गया। जिसका नाम हम आपको पहले ही बता चुके हैं, लेकिन तेलंगाना और आंध प्रदेश दोनों की राजधानी हैदराबाद ही रही, जिसकी वजह से कई प्रशासनिक और विधायी कार्यों में दोनों ही राज्यों के बीच मतभेद प्रकाश में आते रहते हैं, लेकिन आज इन्हीं सब मतभेदों का निदान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कर दिया है।

बता दें कि उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से आंधप्रदेश के लिए अलग राजधानी की घोषणा कर दी। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि अब से आंध्र प्रदेश की नई राजधानी विशाखापट्टनम होगी। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “मैं आप सभी को विशाखापट्टनम आमंत्रित करने आया हूं जो आने वाले दिनों में हमारी राजधानी बनने जा रहा है। मैं भी आने वाले महीनों में विशाखापट्टनम में शिफ्ट हो जाऊंगा।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आगामी चार और पांच फरवरी को राज्य में नया वैश्विक सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें मैं आप सभी लोगों को आमंत्रित करने आया हूं।

विदित हो कि इससे पहले उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि राज्य का विकास तभी सुनिश्चित हो पाएगा जब इसकी प्रशासनिक प्रणाली का विकेंद्रीकरण किया जाएगा। हालांकि, मुख्यालय के रूप में राज्य का आधार राज्यपाल ही होगा। वहीं, विधायिका अमरावती से कार्य करेगी। रेड्डी का कहना है कि विधायिका, प्रशासनिक और न्यायिक का विभाजन अनिवार्य है। तभी राज्य का विकास सुनिश्चित हो पाएगा। बहरहाल, अब आगामी दिनों में प्रदेश का विकास तभी सुनिश्चित होगा।