गर्ल्स हाईस्कूल में अब लड़कों को भी मिल सकेगा दाखिला, लड़कियों ने दिए ऐसे रिएक्शन, कहा- अब हमें….!

हालांकि, अनगा ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अब उनके दोस्त लड़कियों के साथ-साथ लड़के भी बन सकते हैं। उधर, लड़कों में भी अब उक्त स्कूल में दाखिला लेने के प्रति उत्साह देखने को मिल  रहा है। वहीं, दूसरे लोगों की तरफ भी इस फैसले के संदर्भ में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इसके अलावा स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ओर से भी इस फैसले पर खुशी प्रकट की गई है।

सचिन कुमार Written by: July 24, 2022 9:49 pm

नई दिल्ली। यह पूरा मामला हिंदुस्तान के सर्वाधिक शिक्षित व साक्षर राज्यों की फेहरिस्त में शुमार केरल से प्रकाश में आया है, जहां पर तिरुवनतंपुरम  में स्थित एकमात्र कन्या विद्यालय में जब लड़कों को दाखिला लेने के आदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की ओर से दे दिए गए, तो 13 वर्षीय छात्रा (अनगा) के माता-पिता की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई। बता दें कि ये दोनों ही सरकारी कर्मचारी हैं और अपने बच्ची के बेहतर भविष्य के लिए इन्होंने कन्या विद्यालय स्कूल का चयन किया था, लेकिन जैसे ही इन्हें पता लगा कि अब इनकी बेटी के स्कूल में छात्रों को भी दाखिला देने के आदेश दिए जा चुके हैं, तो उन्होंने नाखुशी जाहिर की और इस फैसले को वापस लेने की मांगा की।

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हालांकि, अनगा ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अब उनके दोस्त लड़कियों के साथ-साथ लड़के भी बन सकते हैं। उधर, लड़कों में भी अब उक्त स्कूल में दाखिला लेने के प्रति उत्साह देखने को मिल  रहा है। वहीं, दूसरे लोगों की तरफ भी इस फैसले के संदर्भ में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इसके अलावा स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ओर से भी इस फैसले पर खुशी प्रकट की गई है। बता दें कि  इस बीच कुछ ऐसे भी लोग दिखे हैं, जिन्होंने उक्त फैसलों की आलोचना करने से गुरेज नहीं किया है।  लोक निर्देश निदेशालय (डीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, वैसे तो कई स्कूल हैं, जहां पर बालक बालिका एक साथ पढ़ते हैं, लेकिन 280 कन्या विद्यालय स्कूल हैं और 164  बाल विद्यालय स्कूल हैं।

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उधर, इस फैसले को लेने के पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि इससे छात्रों में लैंगिक समानता के प्रति रूझान बढ़ेगा। वहीं, बुद्धजीवी वर्गों के लोगों का कहना है कि इससे स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को खुद को बाहरी दुनिया से जोड़ने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं, अब इस फैसले की चर्चा अपने चरम पर पहुंच चुकी है।