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Modi In Rajasthan: समाज के तमाम वर्गों के बाद अब पीएम मोदी का राजस्थान में जाटों को साधने का इरादा, 28 जुलाई को करेंगे जनसभा

खरनाल की जनसभा से पहले मोदी तेजाजी मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके अलावा जनसभा से पहले देशभर के किसानों के बैंक खातों में सम्मान निधि के 2000 रुपए की किस्त भी ट्रांसफर करने वाले हैं। बीजेपी के नेताओं का इरादा खरनाल में होने वाली इस जनसभा में 3 लाख लोगों को जुटाने का है। इससे कांग्रेस को संदेश जाएगा।

नई दिल्ली। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव हैं। 2018 में कांग्रेस ने यहां बीजेपी की सरकार को हराकर सत्ता हासिल की थी। राजस्थान में हर बार सरकार बदल जाती है। कांग्रेस का इरादा इस बार इस ट्रेंड को तोड़कर लगातार दूसरी बार राजस्थान में सरकार बनाने का है। कांग्रेस के इसी इरादे को ध्वस्त करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जुट गए हैं। वो बीते 9 महीने में राजस्थान में 7 जनसभाएं कर चुके हैं। पीएम मोदी ने अब तक राजस्थान के अपने दौरों और जनसभाओं में मीणा, गुर्जर, आदिवासी और अनुसूचित जातियों को बीजेपी से जोड़ने की कोशिश की है। अब वो जाट समुदाय को बीजेपी के पाले में लाने पर फोकस कर रहे हैं।

PM MODI 67

राजस्थान के जाट वोटरों को बीजेपी के पक्ष में लाने के लिए पीएम मोदी 28 जुलाई को एक बार फिर राजस्थान पहुंचने वाले हैं। मोदी की एक जनसभा नागौर जिले के खरनाल में होगी। राजस्थान में पीएम मोदी का ये आठवां दौरा होने वाला है। खरनाल की जनसभा से पहले मोदी तेजाजी मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके अलावा जनसभा से पहले देशभर के किसानों के बैंक खातों में सम्मान निधि के 2000 रुपए की किस्त भी ट्रांसफर करने वाले हैं। बीजेपी के नेताओं का इरादा खरनाल में होने वाली इस जनसभा में 3 लाख लोगों को जुटाने का है। इतनी भीड़ जुटाकर बीजेपी राजस्थान की अशोक गहलोत वाली कांग्रेस सरकार को बड़ा संदेश देना चाहती है।

congress and bjp flags

पीएम मोदी की नागौर के खरनाल में होने वाली जनसभा में जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, सीकर, पाली और चुरू से भी लोगों को बुलाने की तैयारी है। पीएम मोदी का संदेश अगर जाट समाज में अच्छे से पहुंचा, तो विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की करीब 30 सीटों पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बन सकता है। जाट समाज वैसे बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करता रहा है, लेकिन पिछली बार बीजेपी को कांग्रेस ने समाज के सभी वर्गों के वोट लेकर पटकनी दे दी थी। राजस्थान जैसे बड़े राज्य में कांग्रेस अगर हार गई, तो बीजेपी अपने कर्नाटक गंवाने का बदला भी ले सकेगी।