मुंबई। शिवसेना का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह छिन जाने के बाद उद्धव ठाकरे अब अपने परिवार की पहचान बनाए रखने के लिए हर तौर तरीके अपना रहे हैं। पहले उन्होंने चुनाव आयोग की तरफ से एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अब उद्धव जनता के पास भी इस मुद्दे को लेकर जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे आज से महाराष्ट्र की यात्रा पर निकलने वाले हैं। उद्धव की ये यात्रा 3 मार्च को खत्म होगी। इस यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के शहरों और कस्बों में भी उद्धव ठाकरे पहुंचने की तैयारी कर चुके हैं।
उद्धव ठाकरे या उनके पिता बालासाहेब ठाकरे कभी पहले ऐसी यात्रा पर नहीं निकले। मुंबई से ही सियासत कर बालासाहेब ने शिवसेना को पहचान दिलाई। वो अन्य शहरों में भी रैलियां करते थे, लेकिन लंबी यात्रा बालासाहेब ने कभी नहीं निकाली। बालासाहेब के निधन के बाद उद्धव ठाकरे ने भी महाराष्ट्र में कई रैलियां की, लेकिन ऐसी यात्रा पर वो भी कभी नहीं गए। अब हालात ऐसे बन गए हैं कि महाराष्ट्र के नंबर वन सियासी परिवार के मुखिया को महाराष्ट्र के शहरों और कस्बों की दौड़ लगानी पड़ रही है। बीजेपी से सियासी टकराव के बाद उद्धव ठाकरे और उनका परिवार अपनी पहचान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है।
चुनाव आयोग ने बीते दिनों शिवसेना का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला सुनाया था। एकनाथ शिंदे गुट में 40 विधायक हैं। इसके अलावा 13 शिवसेना सांसदों का भी शिंदे गुट को समर्थन मिला हुआ है। ऐसे में उद्धव के गुट में बेटे आदित्य के अलावा 14 और विधायक, 5 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसद हैं। हालांकि, माना जा रहा है कि इन सांसदों और विधायकों से भी तमाम और टूटकर अब शिंदे गुट के साथ जा सकते हैं।