
लखनऊ। रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में आरोपियों पर पुलिस ने सख्ती बरती है। पहले इनको गिरफ्तार किया गया था। अब गिरफ्तार आरोपियों में से 2 पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है। जेल में बंद आरोपियों में शामिल सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम पर एनएसए लगाने की ये कार्रवाई रविवार देर रात लखनऊ पुलिस ने की। रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में पुलिस ने सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। आरोपियों में से 5 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार ने सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम पर एनएसए की कार्रवाई का आदेश जारी किया।
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के अन्य तीन आरोपी यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र प्रताप यादव और नरेश सिंह हैं। माना जा रहा है कि इन पर भी एनएसए की कार्रवाई जल्दी ही की जाएगी। पुलिस के मुताबिक सलीम ने ही रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के लिए उकसाया था। जबकि, ओबीसी महासभा के लोग सिर्फ इस धार्मिक ग्रंथ की प्रतियों को लहराकर विरोध करने वाले थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि सलीम के उकसाने के बाद प्रतियों को फाड़ा गया और फिर सार्वजनिक तौर पर इनको आग लगाई गई। इस घटना के वीडियो भी सामने आए थे। जिनमें सलीम को भी रामचरितमानस के खिलाफ बयान देते देखा गया था।
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का मामला स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद हुआ था। स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को दलित और महिला विरोधी बताया था। उन्होंने रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर दी थी। जिसके बाद बीती 29 जनवरी को लखनऊ की वृंदावन योजना में रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ी और जलाई गईं। पुलिस ने सभी आरोपियों पर सांप्रदायिक दंगा भड़काने की साजिश, समुदाय की भावना को आहत करने, लोगों को उकसाने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया था।