नई दिल्ली। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने बेरोजगारी को अपना बड़ा मुद्दा बना रखा है। विपक्षी दलों का ये भी आरोप है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया। लोकसभा चुनाव के वक्त ये आरोप तेजी पकड़ चुका है। वहीं, पीएम मोदी और बीजेपी लगातार कह रही है कि बीते 10 साल के शासन में लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। खैर, आरोप और दावे अपनी जगह, लेकिन रोजगार के बारे में ताजा सरकारी आंकड़ा आ चुका है। ये आंकड़ा बताता है कि बेरोजगारी की दर घटी है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी दफ्तर यानी एनएसओ के अनुसार इस साल जनवरी से मार्च के दौरान 15 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर पिछले वर्ष की इसी अवधि के 6.8 फीसदी के मुकाबले घटकर 6.7 फीसदी हुई है। शहरी इलाकों में महिलाओं की बेरोजगारी दर में भी गिरावट आई है। 2023 में जनवरी से मार्च तक शहरी महिलाओं की बेरोजगारी दर 9.2 फीसदी थी। इस साल जनवरी-मार्च मे ये 8.5 फीसदी हो गई। एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक श्रमिक जनसंख्या अनुपात भी 2023 के जनवरी-मार्च के 45.2 फीसदी से बढ़कर इस साल जनवरी-मार्च के बीच 46.9 फीसदी हो गया है। वहीं, शहरी क्षेत्र में महिला श्रमिक जनसंख्या पिछले साल के 20.6 फीसदी से बढ़कर 23.4 फीसदी हो चुका है। ये सारे आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले बेरोजगारी घटी है और युवाओं को रोजगार मिल रहा है।
एनएसओ के दिए आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में श्रमबल भागीदारी दर भी बढ़ी है। 2023 में ये 48.5 फीसदी थी। जबकि, इस साल अब तक 50.2 फीसदी हो चुकी है। जनवरी 2024 में बेरोजगारी की दर 16 महीनों में सबसे कम रही थी। वैसे 20 से 30 साल के युवाओं की बेरोजगारी दर 2023 के अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में बढ़ी थी।