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RRB NTPC Exam: NTPC हो रही बदनाम, रेलवे तेरे लिए! कंपनी ने चिट्ठी लिखकर कहा- हमारी इज्जत का बन रहा फालूदा

RRB NTPC Exam: मसला दरअसल ये है कि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड और नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी के रिजल्ट से छात्र गुस्से में हैं। छात्रों का कहना है कि रेलवे ने पहले के मुकाबले 20 फीसदी लोगों को पास करने का वादा किया था। छात्रों को लग रहा था कि उन्हें इस बार ज्यादा मौके मिलेंगे, लेकिन रिजल्ट से तमाम छात्र क्वालीफाई करने से वंचित रह गए।

नई दिल्ली। आरआरबी-एनटीपीसी। इस मुद्दे पर आजकल छात्र आंदोलन कर रहे हैं। जगह-जगह ट्रेनों को आग लगाई गई और छात्रों ने रेलवे के इम्तिहान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अब NTPC यानी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन भी इस इम्तिहान की वजह से मैदान में उतरा है। वजह है RRB के साथ NTPC का नाम। दरअसल, आरआरबी का मतलब रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड होता है। इस बोर्ड ने NTPC यानी नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी में इम्तिहान कराए। इस परीक्षा का नाम RRB-NTPC रख दिया गया। नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन का कहना है कि इस नाम से भ्रम पैदा हो रहा है और तमाम मीडिया संस्थान हमारा नाम लेकर परीक्षा और छात्रों के आंदोलन से जोड़ रहे हैं। एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक एचआर की तरफ से रेलवे को लिखे गए पत्र में मांग की गई है कि जब भी इन परीक्षाओं का हवाला देना हो, तो रेलवे की ओर से पूरा नाम लिखा जाए, ताकि मीडिया के कुछ वर्गों में NTPC जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का नाम न लिखा जाए। इसमें कहा गया है कि उम्मीद है कि रेलवे इस दिशा में काम कर रहा होगा, ताकि हमारी बेइज्जती न हो।

NTPC Board

मसला दरअसल ये है कि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड और नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी के रिजल्ट से छात्र गुस्से में हैं। छात्रों का कहना है कि रेलवे ने पहले के मुकाबले 20 फीसदी लोगों को पास करने का वादा किया था। छात्रों को लग रहा था कि उन्हें इस बार ज्यादा मौके मिलेंगे, लेकिन रिजल्ट से तमाम छात्र क्वालीफाई करने से वंचित रह गए।

रेलवे के अलग-अलग पोस्टों पर एक ही छात्र के क्वालीफाई हो जाने से ऐसा हुआ, क्योंकि, रेलवे ने एक छात्र को अलग-अलग पद पर क्वालीफाई होने पर उनकी संख्या अलग-अलग गिन ली। छात्रों का कहना है कि अगर एक छात्र है, तो यूनिट एक ही मानी जानी चाहिए। कोई भी किसी एक ही पद का चुनाव करेगा और वो नौकरी भी एक ही पद पर करेगा। अगर वो कई पद के लिए पर क्वालीफाई करता है तो उसे अलग-अलग क्यों माना जा रहा है।