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Rashtrapati Chunav 2022: ओम प्रकाश राजभर ने दिया अखिलेश को झटका, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किया ये ऐलान

Rashtrapati Chunav 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा की मौजूदगी में बैठक में न बुलाए जाने को लेकर राजभर का कहना था कि इसके बाद भी उन्होंने कई बार सपा अध्यक्ष से मिलने की कोशिश की थी हालांकि अखिलेश ने उनसे बात करना तक जरूरी नहीं समझा।

नई दिल्ली। कुछ दिनों बाद ही देश में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होना है तो विपक्ष और एनडीए की तरफ से अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों को आगे किया गया है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होगा जिसके बाद 21 जुलाई को देश को नया महामहिम मिल जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने यशवंत सिन्हा के नाम को आगे रखा है तो वहीं, एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर आगे रखा है। अब सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने विपक्ष के एकता और समाजवादी पार्टी को करारा झटका दिया है।

विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में हार के बाद से ही सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) लगातार अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जुबानी हमले कर रहे हैं। बता दें कि बीते कुछ समय पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा की मौजूदगी में बैठक हुई थी। हालांकि इस बैठक में अखिलेश ने राजभर को पूछा तक नहीं और जयंत चौधरी को बुलाकर मंच भी साझा किया। माना जा रहा है कि इससे भी राजभर नाराज हैं।

राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर दिया झटका

चुनाव नतीजों के बाद से ही राजभर खुलकर सपा अध्यक्ष पर निशाना साध रहे हैं। राजभर ने तो अखिलेश यादव के लिए यहां तक कह दिया था कि एसी कमरे में बैठकर चुनाव नहीं जीता जा सकता है। वहीं, अब राजभर ने ऐलान करते हुए कह दिया है कि सुभासपा राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देगी। राजभर ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री और द्रौपदी जी ने उनसे समर्थन मांगा है। गृह मंत्री अमित शाह जी का फोन भी आया था और मेरी उनसे मुलाकात भी हुई। उन्होंने भी द्रौपदी मुर्मू जी के लिए हमारे समर्थन की मांग की। ऐसे में हम केवल राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के साथ हैं। बाकी सपा के साथ हमारा गठबंधन पहले की ही तरह जारी रहेगा।’

akhilesh yadav

बैठक में न बुलाने पर राजभर का बयान

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा की मौजूदगी में बैठक में न बुलाए जाने को लेकर राजभर का कहना था कि इसके बाद भी उन्होंने कई बार सपा अध्यक्ष से मिलने की कोशिश की थी हालांकि अखिलेश ने उनसे बात करना तक जरूरी नहीं समझा। ऐसे में हम राष्ट्रपति चुनाव में अपनी भूमिका भी अलग रहकर ही तय करेंगे।