
लखनऊ। रामचरितमानस विवाद में अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी कूद पड़े हैं। राजभर ने सपा के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर तीखा निशाना साधा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के बारे में विवादित बयान दिया था। अब भी वो इस मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे हैं। इसी पर ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद को घेरा है। राजभर के मुताबिक स्वामी प्रसाद चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने शनिवार को कहा कि स्वामी प्रसाद ने भगवान राम के नाम पर 5 साल सत्ता की मलाई काटी, लेकिन फिर सत्ता के लालच में पार्टी बदल ली। उन्होंने कहा कि ये सत्ता के लिए लड़ते हैं, समाज के अधिकार के बारे में कुछ नहीं बोलते।
राजभर ने स्वामी प्रसाद पर राम के नाम पर मलाई खाने का आरोप इसलिए लगाया है, क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य 5 साल तक बीजेपी सरकार में मंत्री थे और यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले सपा में गए थे। उनकी बेटी अब भी बीजेपी की सांसद है। बहरहाल, ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बारे में ये भी कहा कि वो चार बार बीएसपी सरकार में मंत्री रहे। तब उनको धर्म और दलित-पिछड़ा याद नहीं आया। न रामचरितमानस याद आया। जब देखा कि बीएसपी की सत्ता जा रही है, तो पार्टी बदल ली। ये दिखाता है कि सत्ता का लालच है।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिनों रामचरितमानस की कई चौपाइयों का उदाहरण देकर इसे बैन करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार को इस धार्मिक पुस्तक में जो भी आपत्तिजनक अंश है, उसे हटाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि गोस्वामी तुलसीदास ने अपने सुख के लिए रामचरितमानस लिखी थी। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर जमकर उनको घेरा जा रहा है। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य शनिवार को ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात करने गए थे।