
नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आज जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली पहुंचे। मोदी और उमर के बीच लगभग आधे घंटे की मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच सिंधु नदी जल संधि को रद्द किए जाने के जम्मू कश्मीर पर पड़ने वाले प्रभाव और ताजा हालात पर चर्चा हुई। उधर, जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है भारत गांधी का देश है, हम पाकिस्तान का पानी रोक देंगे, लेकिन हम उन्हें मारेंगे नहीं, क्यों कि हम उनके जैसे क्रूर नहीं हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, तब जम्मू-कश्मीर के लोगों को विश्वास में नहीं लिया गया था। इस संधि के कारण जम्मू-कश्मीर को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह उस पानी को जम्मू के लोगों तक पहुंचाने की योजना पर काम करे।
#WATCH | J&K | “…India is the nation of Gandhi, we have threatened them (Pakistan) that we will stop the water, but we will not kill them. We are not as cruel as they are…” says NC chief Farooq Abdullah on the Indus Waters Treaty
He says, “When the Indus Waters Treaty was… pic.twitter.com/kSLymixXfl
— ANI (@ANI) May 3, 2025
पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को निशाने पर लेते हुए कहा कि जेकेएनसी चीफ ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को मारने वाले कौन थे। मुख्यमंत्री होने के नाते, जिन जगहों पर मैं नहीं जा सकता था, महबूबा मुफ़्ती आतंकवादियों के घर जाती थीं। हम कभी आतंकवाद के साथ नहीं रहे, और ना रहेंगे। ना हम कभी पाकिस्तानी थे, ना हैं और ना होंगे। कश्मीर भारत का मुकुट है। अमरनाथ जी यहाँ हैं और वे हमारी रक्षा करेंगे। उन्होंने मोदी सरकार की पाकिस्तान पर कार्रवाई पर कहा कि हम सब चाहते हैं कि आतंकवाद खत्म हो।
#WATCH | Pahalgam, J&K | “…Who were they who killed Kashmiri Pandits. Being the CM, the places where I couldn’t go, Mehbooba Mufti used to go to the houses of terrorists. We have never been with terrorism, and we have never been a Pakistani – neither we were nor we will be.… pic.twitter.com/iRPO0htTsv
— ANI (@ANI) May 3, 2025
इससे पहले भी फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि बालाकोट जैसी कार्रवाई नहीं आज भारत चाहता है कि ऐसी कार्रवाई हो जो पहलगाम जैसी घटना दोबारा ना हो। उन्होंने कहा कि मैं हर वक्त चाहता था पाकिस्तान के साथ बातचीत हो लेकिन हम उन लोगों के घरवालों को क्या जवाब दें जिनकी आतंकियों ने जान ली है कि हम बात करेंगे, हम उन्हें क्या जवाब देंगे जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया? क्या ये इंसाफ है?