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Omar Abdullah Met PM Narendra Modi : पीएम नरेंद्र मोदी से मिले उमर अब्दुल्ला, पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर के हालात पर गहन मंत्रणा

Omar Abdullah Met PM Narendra Modi : पहलगाम हमले के बाद मोदी और उमर की यह पहली बैठक है। माना जा रहा है कि इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच सिंधु नदी जल संधि को रद्द किए जाने के जम्मू कश्मीर पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा हुई। उधर, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सिंधु जल संधि के कारण जम्मू-कश्मीर को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह उस पानी को जम्मू के लोगों तक पहुंचाने की योजना पर काम करें।

नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आज जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली पहुंचे। मोदी और उमर के बीच लगभग आधे घंटे की मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच सिंधु नदी जल संधि को रद्द किए जाने के जम्मू कश्मीर पर पड़ने वाले प्रभाव और ताजा हालात पर चर्चा हुई। उधर, जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है भारत गांधी का देश है, हम पाकिस्तान का पानी रोक देंगे, लेकिन हम उन्हें मारेंगे नहीं, क्यों कि हम उनके जैसे क्रूर नहीं हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, तब जम्मू-कश्मीर के लोगों को विश्वास में नहीं लिया गया था। इस संधि के कारण जम्मू-कश्मीर को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह उस पानी को जम्मू के लोगों तक पहुंचाने की योजना पर काम करे।

पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को निशाने पर लेते हुए कहा कि जेकेएनसी चीफ ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को मारने वाले कौन थे। मुख्यमंत्री होने के नाते, जिन जगहों पर मैं नहीं जा सकता था, महबूबा मुफ़्ती आतंकवादियों के घर जाती थीं। हम कभी आतंकवाद के साथ नहीं रहे, और ना रहेंगे। ना हम कभी पाकिस्तानी थे, ना हैं और ना होंगे। कश्मीर भारत का मुकुट है। अमरनाथ जी यहाँ हैं और वे हमारी रक्षा करेंगे। उन्होंने मोदी सरकार की पाकिस्तान पर कार्रवाई पर कहा कि हम सब चाहते हैं कि आतंकवाद खत्म हो।

इससे पहले भी फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि बालाकोट जैसी कार्रवाई नहीं आज भारत चाहता है कि ऐसी कार्रवाई हो जो पहलगाम जैसी घटना दोबारा ना हो। उन्होंने कहा कि मैं हर वक्त चाहता था पाकिस्तान के साथ बातचीत हो लेकिन हम उन लोगों के घरवालों को क्या जवाब दें जिनकी आतंकियों ने जान ली है कि हम बात करेंगे, हम उन्हें क्या जवाब देंगे जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया? क्या ये इंसाफ है?