
नई दिल्ली। पीलीभीत से सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता वरुण गांधी इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज दिखाई दे रहे हैं। अपनी ही पार्टी पर लगातार वरुण गांधी हमलावर हैं। कभी किसान मुद्दे को लेकर तो कभी युवाओं को लेकर सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं लेकिन गुरुवार को वरुण गांधी पर लोग भड़क गये और उनकी तुलना उन्हीं के चचेरे भाई राहुल गांधी से कर दी।
दरअसल पिछले कई दिनों से वरुण गांधी पार्टी विरोधी के असहज स्थिति में पहुंचाने वाले ट्वीट लगातार कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान??
पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान??
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 2, 2021
वरुण गांधी के इस ट्वीट को देखकर कई लोग भड़क गये और वरुण गाँधी के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइये हम आपको कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दिखाते हैं।
भाई आज समझ आया कि तुम भी राहुल गांधी वाली केटेगरी में ही हो , 14 लाख लोग सब मिलकर रेलवे की नौकरी करते हैं , और तुम 1.25 करोड़ लोगों को ग्रुप डी में नौकरी दिलाना चाहते हो , भाई नशा काम करो नही तो नाश हो जाएगा
— Äbhï$hëk Güptä (@mind_kracker) December 2, 2021
नैतिकता ये कहती है कि पार्टी में रह कर पार्टी की आलोचना सार्वजनिक मंच पर नहीं करनी चाहिए यही अनुशासन भी है।
वैसे सब जानते है जब नेता ये सब करना शुरू करता है तब उसको जनता के नहीं अपने रोजगार की फ़िक्र होती है।— Adv. Abhishek Shukla ?? (@AdvAbhishekShu1) December 2, 2021
10 साल होने को आ गए लेकिन अभी तक मंत्री पद नही। आखिर कब तक सब्र करें युवा नेता।☺️☺️
जबकि असलियत यह है की आप सिर्फ गांधी उपनाम और भाजपा की वजह से आज राजनीति में है। अगली बार किसी और पार्टी या निर्दलीय चुनाव लड़ के देख लीजिए पता चल जाएगा।
— समदर्शी शुक्ला (@samdarshi1) December 2, 2021
ऐसी लचर व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है?
क्या आपके बाप-दादा-दादी-ताऊ नहीं?
और रहा सवाल सब्र का तो इस देश के नौजवान ने तो साठ साल सब्र किया और आप सात साल में ही बेसब्रे हो गये?
खैर वैसे एक नेक सलाह दूँ आपको?
आप भी अपने लिए कोई रोज़गार ढूंढ ही लीजिए क्योंकि 2024 के बाद।
खल्लास??— DINESH CHAWLA (@iChawlaDinesh) December 2, 2021
आज से 50 साल पहले कौन सी सरकारी नौकरियाँ थीं मैंने भी बीएड किया हुआ है पर खाली तो नहीं बैठी प्राइवेट ही सही मन से नौकरी की और आज उच्च पदों पर सैकड़ों बच्चे बैठे हुए हैं हाँ सरकारी पदों पर भले ही न हों।
— छाया हिंदू (@ChhayaGupta13) December 2, 2021
वरुण गांधी जी , यूपी में 2017 के बाद ऐसा कौन सा एग्जाम हुआ जिसका परिणाम सालो , साल नही आया या कौन सी भर्ती घोटाले के कारण निरस्त हुई। और जो निरस्त हुई है वो किन सरकारो के घोटाले है , ? आप नेता है तो चीज़ों को स्पष्ट लिखिए और राजनीत के पर्दे के पीछे से अपना उल्लू मत सीधा करिये
— गजेन्द्र राम दूबे ?? (@gd4bharat) December 2, 2021
किसान आंदोलन के कारण लगभग 65 टोल प्लाजा प्रभावित हुए, जिसके परिणामस्वरूप टोल संग्रह में ₹ 2,700 करोड़ से ऊपर नुकसान हुआ:
भारत सरकार
यह नुकसान किससे वसूला जाए ??— PRAHLAD SACHDEV (@PRAHLADSACHDEV2) December 2, 2021
मोदी सरकार गरीब के घर बना रही,22 घंटे बिजली,दुरुस्त सड़के,आयुष्मान योजना,सैन्य ताक़त,किसान कानून कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहाँ विकास पहुंचा नहीं
ऐसा विकास नेहरू/इंदिरा/राजीव 60 वर्षों में भी नहीं दे पाए,किन्तु मोदी ने ये मात्र 7 वर्ष में कर दिखाया#भारत_के_गौरवपूर्ण_7_साल ??
— Baliram Yadav (@Baliramyadav007) December 2, 2021
बहुत क्रांतिकारी अद्भुत सराहनीय बीजेपी सरकार ने नौकरी छीन लिया है देश भर में आरजकता है किसानों को सताया जा रहा है लेकिन श्री मान जी आप उस पार्टी के सांसद महोदय है आपकी जिम्मेदारी बनती है कि त्याग पत्र दे देना चाहिए
2017 में आप उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के रेश में थे और आज ?☺️— रवि पांडेय (Ashish) (@Ashish88868569) December 2, 2021
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