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Jagdish Tytler : ‘जिसपर 1984 के ‘सिख दंगों’ का इल्जाम, वो कांग्रेस का मेहमान.. भाजपा ने सत्याग्रह में जगदीश टाइटलर के शामिल होने पर कांग्रेस को घेरा

Jagdish Tytler :आरपी सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह सत्याग्रह है या सिखों के हत्यारे को फिर से स्थापित करने का प्रयास है। गौरतलब है कि टाइटलर का नाम फरवरी में भी सुर्खियों में आया था, जब उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य के रूप में चुना गया था। कांग्रेस राजघाट पर संकल्प सत्याग्रह कर रही है।

नई दिल्ली। दिल्ली में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने के विरोध में कांग्रेस ‘संकल्प सत्याग्रह’ कर रही है। कांग्रेस के मुताबिक यह लोकतंत्र को बचाने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस के सत्याग्रह में 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर के राज घाट पर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के बाद भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। शहजाद ने ट्वीट में लिखा, ‘1984 के नरसंहार के दोषी जगदीश टाइटलर सत्याग्रह में ! यह अदालतों, ओबीसी समाज और सिखों के खिलाफ सत्याग्रह नहीं एक दुराग्रह है।’ इसके साथ ही भाजपा नेता आरपी सिंह ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया, उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि वे (कांग्रेस) किस तरह का सत्याग्रह कर रहे हैं। सिखों के हत्यारे (जगदीश टाइटलर) इस सत्याग्रह में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस टाइटलर के बिना नहीं रह सकती। कांग्रेस ने जाने क्यों उन्हें हर कार्यक्रम में बुलाती है।

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की संसद में अयोग्यता के खिलाफ ‘संकल्प सत्याग्रह’ कर रही है। आरपी सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह सत्याग्रह है या सिखों के हत्यारे को फिर से स्थापित करने का प्रयास है। गौरतलब है कि टाइटलर का नाम फरवरी में भी सुर्खियों में आया था, जब उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य के रूप में चुना गया था। कांग्रेस राजघाट पर संकल्प सत्याग्रह कर रही है। प्रियंका गांधी रविवार को धरने के लिए राजघाट पहुंचीं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के कई अन्य नेता भी विरोध में शामिल हुए। राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके एक दिन बाद सूरत की एक अदालत ने उन्हें उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा दी थी। जिसका कांग्रेस के खेमे में हर तरफ विरोध हुआ।

वहीं राहुल गांधी की को सजा सुनाए जाने के बाद देशभर में सियासी बवाल मचा हुआ है। राहुल की संसद सदस्यता रद्द करने का फैसला अप्रैल 2019 में की गई उनकी टिप्पणी के लिए आया था। उन्होंने कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में कहा था, “क्यों सभी चोरों का उपनाम मोदी है”। अदालत ने 52 वर्षीय गांधी को मुचलके पर जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा पर रोक लगा दी ताकि उन्हें उच्च न्यायालयों में जाने में दिक्कत न हो।