
नई दिल्ली। बांग्लादेश में आरक्षण के नाम पर शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने हिंसात्मक रूप ले लिया है। लाखों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर हिंसा फैलानी शुरू कर दी है। इस बीच खबर है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर जा चुकी हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा, “कुछ ही दिनों में एक करोड़ हिंदू शरणार्थी पश्चिम बंगाल आने वाले हैं। इसलिए आप तैयार रहें।” उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के नरसंहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि वहां हालात बेहद खराब हैं।
हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है। रंगपुर में नगर परिषद के पार्षद हरधन नायक की हत्या कर दी गई है। सिराजगंज के थाने में 13 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई है, जिनमें 9 हिंदू हैं। वहीं, नोआखली में हिंदुओं के घर जला दिए गए हैं। मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल से अपील करता हूं कि वे तुरंत इस मामले को लेकर भारत सरकार से बात करें।”
बंगलादेश जमात ए इस्लामी के हाथ में चला गया है।
हिंदुओं पर हमले बढ़ेंगे।
भारत 1 करोड़ हिंदुओं के लिए जगह बनाए।
सुवेंदु अधिकारी pic.twitter.com/jc3ICxZp3o
— P.N.Rai (@PNRai1) August 5, 2024
बांग्लादेश जमात और कट्टरपंथियों के हाथों में जा रहा है
शुभेंदु अधिकारी ने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) का जिक्र करते हुए कहा, “सीएए में साफ है कि अगर किसी को धार्मिक उत्पीड़न के कारण पीटा जाता है, तो हमारा देश आगे आकर इन मामलों को देखेगा। मैं आपको बता रहा हूं कि अगर तीन दिनों के भीतर इस स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो बांग्लादेश जमात और कट्टरपंथियों के हाथों में जा रहा है।” उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 300 हो गई है।
सरकार बदलने का आंदोलन
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि आरक्षण सुधार की मांग से शुरू हुआ आंदोलन अब सरकार बदलने के आंदोलन में तब्दील हो गया है। प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थक लोगों के बीच भीषण झड़पें हो रही हैं, जिसमें अब तक 300 लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों अन्य घायल हो गए हैं।
भीषण झड़पें और हिंसा
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थक लोगों के बीच भीषण झड़पें हुईं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों, पुलिस चौकियों, सत्तारूढ़ पार्टी के दफ्तरों और उनके नेताओं के आवास पर हमला किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। मारे गए लोगों में ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं, जिन पर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फूट रहा है।