newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Uttarakhand : चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले एक और मुसीबत! जोशीमठ के बाद अब इस जगह में भी तेजी से धंस रही जमीन

Uttarakhand : जमीन पर दरारें भी चौड़ी हो रही हैं। हवाई पट्टी से ठीक नीचे गंगोत्री हाइवे पर स्थित पीपलमंडी, चिन्यालीसौड़, नागणीसौड़, बड़ेथी तक का लगभग 5 किमी क्षेत्र में जमीन लगातार धंस रही है। भूधंसाव के कारण हवाई पट्टी, ऊर्जा निगम, वन विभाग, अस्पताल, प्राइवेट और सरकारी स्कूल भवन, बिजल्वाण मोहल्ला, चिन्यालीसौड़ बाजार, कृषि विज्ञान केंद्र, स्टेट बैंक, ऊर्जा निगम कार्यालय, आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं।

उत्तरकाशी। बीते महीनों में उत्तराखंड के चमोली डिस्ट्रिक्ट में मौजूद जोशीमठ जमीनी धंसाव के कारण दुनिया भर में चर्चा का विषय बना। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर टिप्पणी की। अब चारधाम यात्रा-2023 शुरू होने से पहले एक बार फिर टेंशन बढ़ गई है। चमोली जिले में जोशीमठ भू-धंसाव की घटना के बाद अब उत्तराखंड के इस जिले में भी भू-धंसाव का मामला सामने आया है। भू-धंसाव की घटना आने के बाद लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ में भू-धंसाव में आई तेजी ने शहरवासियों की नींदें उड़ा कर रख दीं हैं। मालूम हो कि उत्तरकाशी जिले में ही गंगोत्री-यमुनोत्री धाम स्थित हैं, जबकि जोशीमठ, चमोली जिले में बदरीनाथ धाम है। चार धाम यात्रा सीजन में यूपी, एमपी, राजस्थान, गुजरात सहित देश के विभिन्न राज्यों से तीर्थ यात्री धामों में दर्शन करने को उत्तराखंड जाकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

आपको बता दें कि जोशीमठ के बाद अब उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ में आई दरारों से बुजुर्गों, महिलाओं-पुरुषों से लेकर युवा सभी में दहशत का माहौल हैं। लोगों का कहना है कि हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए टिहरी बांध की झील के कारण यहां नेशनल हाईवे, स्कूल, आवासीय भवन और सरकारी कार्यालयों में बड़ी-बड़ी दरारें उभर आई हैं। कई स्थानों में आधा फीट तक जमीन नीचे की ओर धंसने लगी है।


गौरतलब है कि बांध की झील के कारण चिन्यालीसौड़ में भू-धंसाव की घटनाएं पहले भी हो चुकीं हैं। लेकिन, अब भू-धंसाव का दायरा भी बढ़ रहा है। जमीन पर दरारें भी चौड़ी हो रही हैं। हवाई पट्टी से ठीक नीचे गंगोत्री हाइवे पर स्थित पीपलमंडी, चिन्यालीसौड़, नागणीसौड़, बड़ेथी तक का लगभग 5 किमी क्षेत्र में जमीन लगातार धंस रही है। भूधंसाव के कारण हवाई पट्टी, ऊर्जा निगम, वन विभाग, अस्पताल, प्राइवेट और सरकारी स्कूल भवन, बिजल्वाण मोहल्ला, चिन्यालीसौड़ बाजार, कृषि विज्ञान केंद्र, स्टेट बैंक, ऊर्जा निगम कार्यालय, आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं। उधर, टीएचडीसी के उप प्रबंधक अतुल बहुगुणा ने बताया कि, चिन्यालीसौड़ बाजार में भू-धंसाव को रोकने के लिए गेलविन वाल भी लगाकर देखी गई थी।