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Rajasthan: देश का एक ऐसा रहस्यमयी गांव, जो रातों-रात हो गया था गायब, जानिए पूरी कहानी

Rajasthan: इस गांव के बारे में बताया जाता है कि किसी समय में ये एक काफी सुंदर गांव हुआ करता था। लेकिन लोगों का बसेरा न होने से अब ये गांव जर्जर हालत में हो गया है। यहां के खंडहर इस बात के प्रमाण हैं कि किसी समय में ये गांव कितना सुंदर हुआ करता था

नई दिल्ली। देश में ऐसी बहुत सी जगहें हैं, जो अपने रहस्यों के कारण हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं। ऐसी ही रहस्यमयी जगहों में से एक है जैसलमेर (राजस्थान) का कुलधरा गांव। इस गांव के मरुस्थल को देखने के लिए देसी-विदेशी पर्यटक हजारों किलोमीटर की यात्रा तय करके आते हैं। इसके अलावा इस गांव का एक रहस्य भी है, जिसकी वजह से भी लोग इस गांव के बारे में जानते हैं। कहा जाता है कि ये  एक श्रापित गांव है और इस गांव में पिछले कई सालों से कोई बसेरा नहीं हुआ है। दरअसल, यहां पर अक्सर कई भूतिया घटनाएं घटित होती रहती हैं, जिस वजह से यहां आने में लोग डरते हैं। लेकिन इस गांव के बारे में बताया जाता है कि किसी समय में ये एक काफी सुंदर गांव हुआ करता था। लेकिन लोगों का बसेरा न होने से अब ये गांव जर्जर हालत में हो गया है। यहां के खंडहर इस बात के प्रमाण हैं कि किसी समय में ये गांव कितना सुंदर हुआ करता था, जो अब एक वीराने में बदल गया है। ये गांव पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा सन 1291 में बसाया गया था। ये पालीवाल ब्राह्माण पाली के निवासी थे, जो 11वीं शताब्दी में पाली से विस्थापित होकर राजस्थान के अलग-अलग स्थानों जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर आदि में आकर बस गए। कहा जाता है कि उस दौरान ये गांव धन-धान्य से भरा और काफी समृद्ध हुआ करता था और बाकी गांवों की तुलना में हर सुख-सुविधा से संपन्न था। किसी समय में यहां बड़े-बड़े हवेलीनुमा मकानों की बस्तियां हुआ करती थीं।

लेकिन अचानक इस गांव में एक ऐसी घटना घटी, जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया। यहां प्रचलित मान्यता के अनुसार, इस गांव की रियासत का दीवान सालेम सिंह गांव के एक ब्राह्मण की पुत्री ‘शक्ति मैया’ के साथ विवाह करना चाहता था। वहीं दूसरी ओर गांव के ब्राह्मण, अपनी पुत्री का विवाह किसी दूसरी जाति में नहीं करना चाहते थे। ऐसे में सालेम सिंह ने गांव वालों को धमकाते हुए कहा कि ”अगर वो शक्ति मैया से उनकी शादी नहीं करवाएंगे, तो वो पूरे गांव को बर्बाद कर देगा।” सालेम की धमकी सुनकर गांव के सभी पालीवाल ब्राह्मण गांव को उसी अवस्था में छोड़कर रातों-रात वहां से चले गए। लेकिन, जाते समय उन्होंने गांव को ये श्राप दिया कि ”जो कोई भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा, उसकी बर्बादी निश्चित है।” लिहाजा, अब इस गांव में कई जर्जर मकान हैं। हालांकि, इन खंडहरों के बीच एक पुनर्निर्मित मंदिर खड़ा है। इस स्थान पर आने वाले पर्यटकों को वहां की संरचनाओं की झलक दिखाने के लिए कुछ घरों का नवीनीकरण भी किया गया है। लेकिन, इस इलाके के आसपास किसी भी प्रकार की कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं है।