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Fact Checker Behind Bars: वेबसाइट ने खोली Alt News के गिरफ्तार फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की पोल, 20 मामलों में फर्जीवाड़े का किया दावा

दिल्ली। Alt News के को फाउंडर और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और समाज में वैमनस्यता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक दिन की रिमांड पर पुलिस जुबैर से पूछताछ कर रही है। वहीं, वेबसाइट ‘ऑप इंडिया’ ने फैक्ट चेकर जुबैर का ही फैक्ट चेक किया है।

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नई दिल्ली। Alt News के को फाउंडर और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और समाज में वैमनस्यता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक दिन की रिमांड पर पुलिस जुबैर से पूछताछ कर रही है। वहीं, एक वेबसाइट ‘ऑप इंडिया’ ने फैक्ट चेकर जुबैर का ही फैक्ट चेक किया है। वेबसाइट ने जुबैर की ओर से 20 मामलों के फैक्ट चेक किए हैं और उनके झूठा होने का दावा किया है। वेबसाइट के मुताबिक फैक्ट चेक के नाम पर जुबैर ने मामलों को अलग रंग देने की कोशिश की और तथ्यों को भी तोड़-मरोड़कर पेश किया।

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वेबसाइट सिलसिलेवार इन झूठे फैक्ट चेक की दास्तां सामने लाई है। तो चलिए, आपको बताते हैं कि मोहम्मद जुबैर के किन फैक्ट चेक को ऑप इंडिया ने झूठा बताया है। वेबसाइट के मुताबिक जुबैर ने एक वीडियो शेयर किया और आरोप लगाया कि अब्दुल समद नाम के बुजुर्ग से जबरदस्ती जय श्रीराम का नारा लगवाया गया। गाजियाबाद के लोनी में हुई इस घटना के बारे में उसने ये तथ्य छिपा लिया कि आरोपियों के नाम आरिफ, आदिल और मुशाहिद थे। पुलिस ने भी जांच के बाद जुबैर के दावे को गलत पाया। वेबसाइट के मुताबिक फरवरी 2021 में जुबैर ने एक ट्वीट में लिखा कि गौसेवा के नाम पर एक पुजारी 20 लाख रुपए बटोरकर फरार हो गया। इस खबर में उसने पुरानी किसी खबर की फोटो लगाई, ताकि अयोध्या के राम मंदिर निर्माण से इसे जोड़ा जा सके। वेबसाइट ने नवंबर 2020 की घटना बताई है। जब फैक्ट चेकर जुबैर ने एक न्यूज वेबसाइट की खबर को खूब प्रचारित किया। इसमें बताया गया था कि मोदी का प्रशंसक ही मोदी सरकार की खराबियां बता रहा था। बाद में पता चला कि वो व्यक्ति कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव प्रत्याशी था।

इसके अलावा ऑप इंडिया ने अपनी खबर में दावा किया है कि अक्टूबर 2020 में जुबैर ने एक ट्वीट में लिखा कि जय श्रीराम का नारा लगाते हुए एक गुट ने तनिष्क के शोरूम पर धावा बोला। जबकि, पुलिस जांच में पता चला कि शोरूम के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था। हाथरस में रेप की घटना के बाद वहां जा रहे राहुल और प्रियंका गांधी का हंसते हुए वीडियो वायरल हुआ, तो जुबैर ने फैक्ट चेकिंग के नाम पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का फोटो इस्तेमाल करते हुए वायरल वीडियो को गलत साबित करने की कोशिश की। वेबसाइट का दावा है कि फरवरी 2019 में जुबैर ने यूपी के गोंडा से विश्व हिंदू परिषद का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ विरोध के दौरान भारत विरोधी नारे लगे। गोंडा पुलिस ने पाया कि जुबैर का दावा गलत था। इसी तरह फरवरी 2020 में जब जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से पुलिस पर पथराव हुआ, तो जुबैर ने दावा किया कि छात्रों के हाथ में पत्थर नहीं, बल्कि पर्स थे। इसी तरह कोरोना के लॉकडाउन के दौरान जुबैर ने दो जैन मुनियों के सामने हाथ जोड़े कुछ लोगों का फोटो शेयर किया। उसने ये बताने की कोशिश की कि ये लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे थे। जबकि, दोनों जैन मुनि लोगों और जानवरों को भोजन दे रहे थे। वेबसाइट ने ऐसे ही 20 मामलों का खुलासा किया है, जबकि ऑल्ट न्यूज के फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने घटनाओं को अपने मुताबिक रंग देने की कोशिश की, लेकिन हर बार उसकी पोल खुल गई।

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