नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स दिवस पर ऑर्थोटिक्स एंड प्रोस्थेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (OPAI) के दिल्ली चैप्टर ने हिंदी भवन में एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स (P&O) क्षेत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में सरकारी नीति-निर्माण में P&O विशेषज्ञता को मान्यता देने की जरूरत पर जोर दिया गया, जिसमें पैरालंपिक चयन प्रक्रिया में भी इनके योगदान की चर्चा हुई।
श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, ने भारत में विकलांगता की बेहतर समझ के लिए सटीक डेटा की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यूडीआईडी आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत मामलों में 95% से अधिक में 40% या उससे अधिक विकलांगता है। “सरकार 21 प्रकार की विकलांगताओं का जिला-वार डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करा रही है, जो समस्याओं के समाधान में मदद करेगा,” उन्होंने बताया। श्री अग्रवाल ने सहायक प्रौद्योगिकी के वितरण को सुगम बनाने की योजना का भी उल्लेख किया, जिससे कृत्रिम अंगों के फिटमेंट का समय 45 दिनों से घटाकर केवल 7 दिन करने और 100 किलोमीटर के दायरे में सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। उन्होंने आगे कहा, “भारत द्वारा 2036 में ओलंपिक और पैरालंपिक की मेजबानी के लिए औपचारिक रुचि व्यक्त करने के साथ ही, हमारे पैरा-एथलीटों के लिए सहायक प्रणाली को मजबूत करना और उन्नत P&O देखभाल को प्राथमिकता में लाना जरूरी हो गया है।”
OPAI दिल्ली चैप्टर के सचिव और IPOD 2024 के आयोजन सचिव श्री अगेंद्र कुमार ने नीतिगत समावेशन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “हमारे पेशेवर अपने सेवा कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नीति का समर्थन हमारे मिशन को सफल बनाने के लिए आवश्यक है ताकि सभी के लिए पुनर्वास और गतिशीलता को सुलभ बनाया जा सके। बीमा क्षेत्र में P&O सेवाओं का समावेश करना और P&O पेशेवरों को पैरा-स्पोर्ट्स में हर स्तर पर शामिल करना अनिवार्य है।”
OPAI दिल्ली के अध्यक्ष श्री राजेश दास ने कहा, “प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स के क्षेत्र में हमारा कार्य दिव्यांग व्यक्तियों को गरिमा और स्वतंत्रता प्रदान करता है। मजबूत सरकारी नीतियों और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किफायती समाधान के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सभी को आवश्यक देखभाल मिले। हम मिलकर जीवन को बदलने का कार्य कर रहे हैं।”
दिल्ली चैप्टर के उपाध्यक्ष श्री शंभु कुमार यादव ने कहा, “भारत के स्वास्थ्य ढांचे में प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स पेशेवर महत्वपूर्ण हैं। उनका कार्य लोगों को सशक्त बनाता है और गतिशीलता के माध्यम से गरिमा प्रदान करता है।”
कोषाध्यक्ष श्री तपस बेहरा ने कहा, “IPOD 2024 ने P&O पेशेवरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला है। सरकारी योजनाओं में इन सेवाओं के समावेश से हम अपनी पहुंच और प्रभाव को बढ़ा सकते हैं।”
OPAI के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एम सी दास ने कहा, “IPOD 2024 हमारे सफर का एक मील का पत्थर है, जो सरकारी योजनाओं में प्रोस्थेटिक और ऑर्थोटिक देखभाल को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मंच हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है कि हम सभी को सुलभ, उच्च गुणवत्ता की देखभाल प्रदान करें और P&O पेशेवरों की स्वास्थ्य और पैरा-स्पोर्ट्स में महत्वपूर्ण भूमिका को मजबूती से स्थापित करें।”
“हमारा लक्ष्य नीति स्तर पर कार्य करना है ताकि भविष्य में P&O पेशेवरों और दिव्यांगजनों को अधिक सहायक और प्रभावी समर्थन मिल सके।” – डॉ. आनंद भट्ट, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, OPAI.
ओपीएआई दिल्ली की समर्पित टीम – अध्यक्ष राजेश कुमार दास, उपाध्यक्ष शंभू कुमार यादव, संयुक्त सचिव अमर सिंह गर्ग, कोषाध्यक्ष तपस पी. बेहेरा, और समिति सदस्य अभिनव भटनागर, मोहित गुप्ता, राकेश बाबू शर्मा, और ऋषिक शर्मा के मार्गदर्शन में इस आयोजन ने विकलांग व्यक्तियों के लिए पहुंच और समावेशिता पर जोर दिया। डीजीएचएस, नीति आयोग और आईसीएमआर के विशेषज्ञों के साथ, पैरा-एथलीट्स के लिए बेहतर समर्थन और उन्नत P&O देखभाल की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर किया।