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B.V Nagarathna : नोटबंदी के फैसले पर सभी चार जजों से अलग रखी राय, जानिए कौन हैं SC की जस्टिस बी.वी. नागरत्ना

B.V Nagarathna : सभी 4 जजों से अलग राय रखने वाली बीवी नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रह चुके ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं। उनका जन्म 30 अक्टूबर 1962 को हुआ था। 1987 में उन्होंने एक अधिवक्ता के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। तकरीबन 20 साल तक वकालत करने के बाद 2008 में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट में एडीशनल जज बनाया गया।

नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने के लिए 2016 में की गई नोटबंदी के ऐलान की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने उचित ठहराया है। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए इस मामले में अलग-अलग लगीं 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ‘नोटबंदी के फैसले में कोई गड़बड़ी नजर नहीं आती और आर्थिक फैसलों को पलटा नहीं जा सकता’। 5 जजों की बेंच ने यह फैसला बहुमत के आधार पर सुनाया। इनमें से 4 जजों ने नोटबंदी के पक्ष में फैसला दिया, मगर बेंच में शामिल न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने नोटबंदी पर असहमति जताई।

जानिए बीवी नागरत्ना ने क्या कहा ?

आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में 5 जजों की बेंच ने नोटबंदी पर यह फैसला सुनाया। इस बेंच की अध्यक्षता न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर कर रहे थे। बेंच में न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, ए.,एस बोपन्ना, वी. रामा सुब्रमण्यम और बीआर गवई थे। इनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना का फैसला नोटबंदी के खिलाफ रहा। उनका तर्क था कि ‘नोटबंदी का प्रस्ताव सरकार की ओर से आया था। RBI की राय मांगी गई थी’ RBI अधिनियम की धारा 26 (2) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की राय को किसी भी तरह सिफारिश नहीं माना जा सकता. नागरत्ना का कहना था कि नोटबंदी अगर करनी ही थी तो इसका फैसला आरबीआई को लेना चाहिए था, न कि केंद्र सरकार को। 2016 में ऐसा नहीं किया गया इसीलिए कानूनी तौर पर नोटबंदी को सही नहीं कहा जा सकता।

यहां देखें कौन हैं बीवी नागरत्ना ?

आपको बता दें कि सभी 4 जजों से अलग राय रखने वाली बीवी नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रह चुके ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं। उनका जन्म 30 अक्टूबर 1962 को हुआ था। 1987 में उन्होंने एक अधिवक्ता के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। तकरीबन 20 साल तक वकालत करने के बाद 2008 में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट में एडीशनल जज बनाया गया। इसके दो साल बाद ही उन्हें स्थायी जज के तौर पर नियुक्त कर दिया गया। 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बीवी नागरत्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज के तौर पर अपॉइंट किया था।