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Congress: खड़गे के आवास पर विपक्षियों की जमघट, लेकिन शिवसेना ने बनाई दूरी, वीर सावरकर पर राहुल का बयान बना वजह

बताया जा रहा है कि शिवसेना राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर ख़फ़ हैं। ध्यान रहे कि बीते दिनों प्रेसवार्ता में राहुल ने कह दिया था कि मैं वीर सावरकर थोड़ी ना हूं, जो माफी मांगूंगा। मैं गांधी और गांधी कभी माफी नहीं मांगते हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की खत्म हुई सांसदी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व ताश के पत्तों की तरह बिखरे विपक्षियों को एकजुट कर दिया है। राहुल की सांसदी छीने जाने की बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी तक ने आलोचना की। विपक्षियों ने इसे लेकर संसद के बाहर विरोध मार्च निकाला और इसे केंद्र सरकार की तानाशाही करार दिया। उधर, राहुल ने भी प्रेसवार्ता में उन सभी दलों का सपोर्ट किया था, जिन्होंने उनके सांसदी जाने की आलोचना की थी। आज इसी मसले को लेकर कांग्रेस नेता व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक हुई। जहां सभी विपक्षियों ने शिरकत की। यहां तक की समय-समय पर राहुल की मजम्मत करने वाली टीएमसी ने भी अपने दो नेताओं को दिल्ली दरबार बैठक में हाजिरी लगवाने भेजा था, लेकिन शिवसेना ने बैठक से दूरी बनाए रखी। बता दें कि शिवेसना ने अपना कोई भी नेता नहीं भेजा है।

बताया जा रहा है कि शिवसेना राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर ख़फ़ है। ध्यान रहे कि बीते दिनों प्रेसवार्ता में राहुल ने कह दिया था कि मैं वीर सावरकर थोड़ी ना हूं, जो माफी मांगूंगा। मैं गांधी हूं और गांधी कभी माफी नहीं मांगते हैं। उनके इस बयान का शिवसेना की ओर कड़ा प्रतिकार किया गया। राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने राहुल को हिदायत दी कि हम आपके साथ हैं, लेकिन हम वीर सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने वीर सावरकर को महाराष्ट्र की अस्मिता का प्रतीक बताया। राउत ने कहा कि उनके विरुद्ध कोई भी आलोचनात्मक टिप्पणी अस्वीकार्य है।  वहीं, उद्धव ठाकरे ने तो यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि अगर राहुल गांधी द्वारा सावरकर पर अपमाजनक टिप्पणी नहीं रुकी, तो गठबंधन में दरार आ सकती है।

बता दें कि खड़गे के आवास पर आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्षियों को एकजुट करने की रणनीति सहित मुख्तलिफ  मसलों को लेकर केंद्र सरकार की घेरांबदी की पूरी पटकथा तैयार की गई।  इसके अलावा राहुल की सांसदी छीने जाने के मसले को कैसे आगामी चुनाव में भुनाया जाए, इसे लेकर भी राजनीतिक मोर्चे पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल एक्शन मोड में आ चुके हैं।