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Russia-India: ‘सतर्क रहें हमारे युवा, झूठ बोलकर रुसी सेना में किया जा रहा भर्ती..’, रूस में फंसे भारतीयों को लेकर MEA ने जारी की एडवाइजरी

Russia-India: रूस में भारतीय दूतावास ने हाल ही में मृतक की पहचान मोहम्मद असफान के रूप में की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के तौर पर भर्ती किए गए कई भारतीयों को यूक्रेन से सटे कुछ सीमावर्ती इलाकों में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से संघर्ष चल रहा है।

नई दिल्ली। भारतीय नागरिकों को धोखे से रूस में काम करने के मामले को लेकर भारत सरकार ने एक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंजीत जयासवाल ने शुक्रवार को कहा कि “रूसी सेना में काम करने के बहाने कई भारतीय नागरिकों को धोखा दिया गया है।” उन्होंने आगे कहा, “हमने इन भारतीय नागरिकों की रिहाई में तेजी लाने के लिए कड़ी कार्रवाई की है, जिन्हें एजेंटों द्वारा झूठे बहाने बनाकर भर्ती करने का लालच दिया गया था। हम अपने नागरिकों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं।”

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मामले को लेकर जयसवाल ने कहा, “लगभग 20 लोगों ने हमसे संपर्क किया है और हम उनका पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं।” विदेश मंत्रालय का यह बयान रूस में एक भारतीय नागरिक की मौत के बाद आया है। रूस में भारतीय दूतावास ने हाल ही में मृतक की पहचान मोहम्मद असफान के रूप में की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के तौर पर भर्ती किए गए कई भारतीयों को यूक्रेन से सटे कुछ सीमावर्ती इलाकों में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से संघर्ष चल रहा है।


यह खुलासा केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा हाल ही में किए गए एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश करने के बाद हुआ है, जो उच्च वेतन वाली नौकरियां प्रदान करने की आड़ में भारतीयों को रूस-यूक्रेन संघर्ष क्षेत्र में लुभा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि 35 ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां युवाओं को सोशल मीडिया चैनलों, स्थानीय संपर्कों और एजेंटों के माध्यम से रूस में आकर्षक रोजगार के अवसरों का वादा करके लुभाया गया था। संघीय एजेंसी ने कुछ वीज़ा परामर्श कंपनियों और एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई को प्राथमिकता दी है। इसके बाद दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में 13 स्थानों पर छापे मारे गए। प्रवक्ता ने टिप्पणी की, “मानव तस्करी में शामिल एजेंटों का यह नेटवर्क देश के कई राज्यों में संचालित है और वे संगठित तरीके से काम कर रहे हैं।”