नई दिल्ली। चुनाव नज़दीक आते ही अलग अलग पार्टियों के नेताओं के भाषण मज़हब और जातिवाद की धुरी के इर्द गिर्द घूमने लगते हैं। इनमें कुछ ऐसे नेता भी हैं जिनकी सियासी दुकान मज़हब के नाम पर ही चलती है, एक धर्म विशेष के लोगों को डराकर या उकसाकर उनके वोट हांसिल करना इस तरह के नेताओं की राजनीति का आधार होता है। ऐसे ही नेताओं में से एक हैं हैदराबाद से सांसद और AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी, जो इन दिनों हैदराबाद से निकलकर उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के मिशन पर निकले हैं। जनाधार बढ़ाएं, इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर पार्टी को दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने का हक है लेकिन ओवैसी भड़काऊ भाषणबाजी की बुनियाद पर अपना वोटबैंक बनाना चाहते हैं। ओवैसी ज़हरीली तकरीरों के चैंपियन हैं और यूपी के चुनावी समर में भी वो इसी नीति के तहत चल रहे हैं। अभी हफ्ते भर पहले उन्होंने कानपुर में एक जनसभा को संबोधित किया जिसमें उन्होंने भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए ये कहा कि योगी हमेशा मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और न ही मोदी हमेशा प्रधानमंत्री रहेंगे। एक दिन आएगा जब हालात बदलेंगे तब तुम्हें कौन बचाएगा। इसके साथ वो यूपी पुलिस को खुलेआम चुनौती देते नजर आ रहे है। इसका वीडियो भाजपा नेता संबित पात्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है और ओवैसी पर जमकर क्लास भी लगाई।
किसे धमका रहे हो मियां?
याद रखना जब-जब इस वीर भूमि पर कोई औरंगजेब और बाबर आएगा तब-तब इस मातृभूमि की कोख से कोई ना कोई वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और मोदी-योगी बन खड़ा हो जाएगा।
सुनों हम ना डरे थे मुगलों से ना जिन्नावादियों से तो तुमसे क्या खाक डरेंगे! pic.twitter.com/cvbBjqJe53
— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 23, 2021
इस भाषण में ओवैसी बहुसंख्यकों को खुलेआम धमकी देते देखे जा सकते हैं। ओवैसी का ये ज़हरीला भाषण आज सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। लोगों ने #ArrestOwaisi ट्रेंड के जरिए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर डाली। वहीं ओवैसी के इस बयान पर पलटवार करते हुए यूपी के कैबिनेट मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि ओवैसी साहब, अगर बहुसंख्यक अपनी पे आ गया तो फिर आप कहां जाइएगा।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के भड़काऊ बयान पर यूपी कैबिनेट मंत्री मोहसिन रज़ा का पलटवार, बोले- ‘बहुसंख्यक अपनी पे आ गया तो क्या कीजिएगा’ pic.twitter.com/f9vjIyHgXr
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) December 24, 2021
ओवैसी कहने को तो एक बैरिस्टर हैं लेकिन चुनावी तकरीरें करते वक्त वो सारे नियम-कानून भूल जाते हैं। मुस्लिम तुष्टिकरण के सबसे बड़े पुरोधा ओवैसी का भाषण ‘मुसलमान हाशिए पर हैं’ से शुरू होता है फिर वो बीजेपी और आरएसएस को कोसते हैं फिर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसे दलों पर मुस्लिमों को ठगने का आरोप लगाते हैं और अंत में खुद को देश में मुसलमानों का सबसे बड़ा नेता बनाने की अपील करते हैं। ये एक तथ्य कि हमारे देश में मुस्लिम समाज आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में बेहद पिछड़ा हुआ है लेकिन ओवैसी जब चुनावी मैदान में उतरते हैं तो वो अपना मुस्लिमों की बेहतरी का ब्लूप्रिंट पेश नहीं करते, बल्कि भड़काऊ बयानबाजी से मज़हबी उन्माद फैलाने की कोशिश करते हैं। यहां सवाल उन सेक्युलर सूरमाओं से भी पूछा जाना चाहिए जो हरिद्वार की धर्म संसद में दिए गए भाषणों को हेट स्पीच कहते हैं लेकिन ओवैसी के इस बयान पर चुप्पी साध लेते हैं।