नई दिल्ली। गोवा में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के बीच केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने प्रेसवार्ता कीं। जिसमें उन्होंने मुख्तलिफ मसलों पर अपनी राय सार्वजनिक कीं। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर से पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा को लेकर भी सवाल पूछे गए जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। दरअसल, एस जयशंकर से सवाल किया गया था कि आप पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की यात्रा को कैसे देखते हैं। जिस तरह बीते दिनों हुई अपनी आलोचना की परवाह किए बगैर उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होने की हिम्मत दिखाई है, उस पर आपकी क्या राय है?
सनद रहे कि एससीओ के मंच से बिलावल ने दोनों देशों की त्रासदी को एक ही बताया है, जिस पर जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि बिलावल भुट्टो की यात्रा को किसी बड़ी उपलब्धि के रूप में नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि पाकिस्तानी एससीओ समूह का सदस्य है और एक सदस्य देश के तौर पर बिलावल भारत आए हैं, तो उनकी भारत यात्रा को किसी बड़ी उपलब्धि के रूप में देखना मुनासिब नहीं रहेगा। बता दें कि विदेश मंत्री ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब आज ही राजौरी में पाकिस्तान आतंकियों की ओर से भारतीय सेना पर हमला किया गया, जिसमें हमारे पांच जवान शहीद हो गए।
#WATCH | “As a Foreign Minister of an SCO member state, Mr Bhutto Zardari was treated accordingly. As a promoter, justifier and spokesperson of a terrorism industry which is the mainstay of Pakistan, his positions were called out and countered including at the SCO meeting… pic.twitter.com/9cLckxLML9
— ANI (@ANI) May 5, 2023
जम्मू-कश्मीर पर भी कही ये बात
हालांकि, इस बार पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने शंघाई सहयोग संगठन के मंच से जम्मू-कश्मीर के बारे में साफगोई से कुछ भी कहने से गुरेज ही किया, लेकिन प्रेसवार्ता के दौरान जयशंकर से जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के रूख के बारे में जब सवाल किया गया, तो उन्होंने यह कहने से बिल्कुल भी परहेज नहीं किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। ध्यान रहे कि कई मौकों पर बिलावल जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बता चुके हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए एससीओ जैसे मंच पर जयशंकर की यह टिप्पणी अहम हो जाती है।
They are committing acts of terrorism. I don’t want to jump the gun on what happened today but we are all feeling equally outraged. On this matter, the terrorism matter, I would say that Pakistan’s credibility is depleting faster than even its Forex reserves: EAM Dr S Jaishankar pic.twitter.com/OYQ2HEce3C
— ANI (@ANI) May 5, 2023
रूस को लेकर भी स्पष्ट किया रुख
ध्यान रहे कि ऐसी परिस्थिति में जब यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुआ युद्धा का सिलसिला थमने का नाम नहींं ले रहा है, तो ऐसी सूरत में भारत की भूमिका इस लिहाज से चुनौतीपूर्ण हो जाती है कि उसे जहां रूस से भी अपने पुराने रिश्तों को बनाए रखना है , तो यूरोप से जुड़े अपने हितों को भी सधना है। सनद रहे कि पूरा यूरोपीय खेमा यूक्रेन के पक्ष में है। ऐसी स्थिति में भारत ने खुलकर किसी भी देश का समर्थन तो नहीं किया, लेकिन कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि भारत का मौन समर्थन अगर किसी को प्राप्त है, तो वो रूस ही है। ध्यान रहे कि गत दिनों भारत ने यूरोप की आपत्तियों को दरकिनार कर भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है, जिसकी तारीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी की थी। इस बीच शंघाई सहयोग जैसे मंच से विदेश मंत्री जयशंकर से रूस के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने बिना कोई भूमिका बांधे यह स्पष्ट कर दिया कि हमने कई क्षेत्रीय, वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया है। हम शांति की पैरोकारी करते हैं। विदित हो कि इससे पहले पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर स्पष्ट कर दिया था कि यह युद्ध का नहीं, बल्कि बुद्ध का युग है।
#WATCH | On his bilateral meeting with Russian Foreign Minister Sergey Lavrov on the sidelines of SCO Council of Foreign Ministers in Goa, EAM Dr S Jaishankar, says, “…we exchanged views on a number of regional, global developments…” pic.twitter.com/IXxhufANAi
— ANI (@ANI) May 5, 2023