नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाते हुए इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन वह पाकिस्तान की शर्तों के आधार पर चर्चा में शामिल नहीं होगा, जो बातचीत के लिए एक उपकरण के रूप में आतंकवाद को अपने ढंग से इस्तेमाल करता है। इसके साथ ही सीमा मुद्दों को लेकर विदेश मंत्री ने चीन को लेकर भी बातचीत की, उन्होंने नेहरु की नीति पर भी सवाल उठाए। इसके साथ ही उन्होंने कनाडा में खालिस्तान के मुद्दे और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर भी बातचीत की।
हमने चीन के साथ अच्छे रिश्ते बनाने का प्रयास किया लेकिन..
चीन-भारत संबंधों को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने जवाहरलाल नेहरू हमेशा चाइना फर्स्ट पॉलिसी को लेकर आगे बढे और फिर हमें बार-बार धोका मिला। लेकिन सरदार पटेल ने हमेशा यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ चीन को जवाब देने की नीति अपनाई थी, और मौजूदा मोदी सरकार में भी हम सरदार पटेल की नीतियों के साथ यथार्थवादी दृष्टिकोण का अनुसरण कर रही है। मंत्री ने कहा, “हमने आपसी हितों के आधार पर रिश्ते बनाने की कोशिश की है और जब तक उस पारस्परिकता को स्वीकार नहीं किया जाता तब तक इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण होगा।”
#WATCH ‘हम(भारत) ‘विश्वामित्र’ बन गए हैं या हम दुनिया पर अपने विचार थोप रहे हैं’ सवाल के जवाब में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “…मुझे नहीं लगता की हम अपने विचार किसी पर थोप रहे हैं। हमें अधिक प्रासंगिकता से देखा जाता है। हमें कई परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता के रूप… pic.twitter.com/008zTEqvpg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 2, 2024
कनाडा के साथ रिश्तों को लेकर क्या कहा ?
जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तानी ताकतों के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जताई और कहा कि ये तत्व कनाडा की राजनीति में ताकत हासिल कर रहे हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसी गतिविधियां न तो भारत के हितों की पूर्ति करती हैं और न ही कनाडा के।
इंडिया नाम को लेकर चल रही बहस पर क्या कहा?
‘इंडिया’ शब्द को लेकर चल रही बहस को विदेश मंत्री ने भी संबोधित किया। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह शब्द अपने सांस्कृतिक और सभ्यतागत अर्थों से परे है। उन्होंने ‘इंडिया’ को एक मानसिकता के रूप में समझने की जरूरत है, जिसमें आत्मविश्वास, पहचान और वैश्विक क्षेत्र में राष्ट्र द्वारा निर्धारित शर्तें शामिल हैं।
व्हाई इंडिया मैटर्स बुक के बारे में बताई ये बात..
अंत में, जयशंकर ने अपनी आगामी पुस्तक, ‘व्हाई इंडिया मैटर्स’ में अंतर्दृष्टि प्रदान की और बताया कि यह उनके राजनीतिक ज्ञान और अनुभवों पर आधारित है। पुस्तक का उद्देश्य समकालीन संदर्भों में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों के विषयों की प्रासंगिकता का पता लगाना, वैश्विक चर्चाओं पर दृष्टिकोण और समान विषयगत दृष्टिकोण लागू करने की संभावनाओं की पेशकश करना है।