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पालघर मॉब लिंचिंग मामले में योगी आदित्यनाथ ने की उद्धव ठाकरे से बात, दोषियों पर सख्त कार्रवाई का किया अनुरोध

लॉकडाउन के चलते अपने-अपने लोग घरों में कैद थे, पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर एक मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई। 

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पालघर से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक ऐसी घटना सामने आई जिसके बाद मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक हर तरफ लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। पालघर में 2 साधुओं सहित कुल 3 लोगों के साथ मॉब लिंचिंग की गई और उनकी हत्या कर दी गई। इस घटना पर कई तरह के रेस्पॉन्स सामने आ रहे हैं।

वहीं साधुओं की मॉब लिंचिंग मामले में अब तक 101 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से बात की है। सीएम योगी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस पर सीएम उद्धव ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘पालघर, महाराष्ट्र में हुई जूना अखाड़ा के सन्तों स्वामी कल्पवृक्ष गिरि जी, स्वामी सुशील गिरि जी व उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े जी की हत्या के सम्बन्ध में कल शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी से बात की और घटना के जिम्मेदार तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हेतु आग्रह किया।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह बताया गया कि (मामले में) कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा शेष को चिन्हित कर सभी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

उधर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष संत महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने की कड़ी निंदा की। सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है, तो उसकी समाधि में न जाएं। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में शामिल होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होगा। लॉकडाउन में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी। लेकिन जिस तरह से साधु महत्माओं को लाठी डंडे से मारा गया है, यह जांच का विषय है।”

उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र सरकार को चाहिए कि वह इसकी जांच करे। हम लॉकडाउन के खत्म होने के बाद सभी आखाड़ों के सदस्यों को लेकर महराष्ट्र सरकार का घेराव करेंगे।”

क्या था पालघर का ये पूरा मामला

दरअसल 16-17 अप्रैल की रात जब लॉकडाउन के चलते अपने-अपने लोग घरों में कैद थे, पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर एक मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई।  इस घटना में पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर उन्मादी भीड़ द्वारा जान ले ली। इस उन्मादी भीड़ के शिकार हुए साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे।

मंदिर के ये दोनों साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से पहले ही रोक दिया। फिर इको कार में सवार ये साधु और ड्राइवर ग्रामीण इलाके की ओर मुड़ गए जहां ये लोग उन्मादी भीड़ का हाथों से मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए। पुलिस की माने तो अफवाह के कारण साधु और ड्राइवर भीड़ के शिकार हुए। भीड़ ने चोर समझ कर साधुओं की गाड़ी रोकी थी। इसके बाद इनकी बुरी तरह से लाठी डंडो और पत्थरों से ग्रामीणों ने पिटाई की।

उन्मादी भीड़ ने पुलिस तक को नहीं छोड़ा

इस घटना की खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई लेकिन 200 लोगों की भीड़ के आगे पुलिस की एक नहीं चली।

ये भीड़ लाठी, डंडों, कुल्हाड़ी और दूसरे हथियारों को हाथों में लिए हुए थी। इस भीड़ ने पुलिस टीम को भी नहीं छोड़ा, पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया गया।