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Sahibganj: पंचायत का तालिबानी फरमान, सजा के नाम पर रोका गरीब परिवार का राशन-पानी, हुक्म ना मानने पर मिलेगी ये खतरनाक सजा

Sahibganj: इस मामले को लेकर पुलिस उपाधीक्षक, रामनिवास यादव को स्थिति से अवगत कराया गया है, और परिवार ने उनके अधिकारों की रक्षा और उनकी गरिमा को बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। अधिकारियों से इस अन्याय को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया गया है।

नई दिल्ली। झारखंड के साहिबगंज जिले के जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र अंतर्गत छोटा पंगड़ो में एक परिवार को पंचायत द्वारा एक तालिबानी फरमान दिए जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद से ही साहिबगंज के जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र के छोटा पंगाल गांव में ये परिवार भय और आतंक के माहौल में जी रहा है। भय के साये में पल-पल खौफ़जदा इस परिवार ने पंचायत के फैसले के खिलाफ प्रशासन से न्याय और सुरक्षा दिए जाने की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार प्रभावित परिवार में ओपी थाना क्षेत्र के मदनसाही छोटा पंगाल निवासी मदन साही छोटा पंगाल और उनकी पत्नी संजीदा खातून शामिल हैं। संजीदा खातून ने पुलिस उपाधीक्षक, रामनिवास यादव के पास एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर पंचायत का एक विवादास्पद फरमान लागू होने के बाद से सामने आई समस्याओं की जानकारी दी गई है।

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दरअसल पूरा मामला ये है कि पीड़ित परिवार के दंपति मौजा छोटा पंगाल में कुछ जमीनों और संपत्ति के स्वामित्व का दावा करते हैं, लेकिन उनके पड़ोसी, शमशीर और उनका परिवार, संपत्तियों को जबरदस्ती जब्त करने का प्रयास कर रहे हैं। संबंधित पुलिस स्टेशन में कई बार मामले की सूचना देने के बावजूद, स्थिति बिगड़ गई और शमशीर के गुट ने कथित तौर पर उनके खिलाफ साजिश रचनी शुरू कर दी। अधिकारियों को सौंपे गए आवेदन के अनुसार, प्रतिद्वंद्वी गुट ने 5 जुलाई को एक “पंचायत” बुलाई, जहां उन्होंने विवादित भूमि के स्वामित्व का दावा करने के लिए दस्तावेज़ तैयार किए। परिवार आगे बताता है कि जब उन्होंने इन धोखेबाज कार्यों का विरोध किया, तो छोटा पंगाल पंचायत ने उनके खिलाफ फरमान जारी कर दिया। फरमान में पूरे परिवार को राशन, पानी और रोजगार जैसी आवश्यक सेवाओं से वंचित करते हुए सामाजिक बहिष्कार का आदेश दिया गया है।

यदि परिवार का कोई भी सदस्य मनगढ़ंत फरमान का पालन करने से इंकार कर देता है या इस दमनकारी फरमान को अस्वीकार कर देता है, तो इसके गंभीर शारीरिक परिणाम भुगतने की भी धमकी दी गई है। पंचायत द्वारा की गई इस तरह की बेरहम कार्रवाई और समुदाय की नाराजगी से ये परिवार असुरक्षित और अलग-थलग पड़ गया है। इस मामले को लेकर पुलिस उपाधीक्षक, रामनिवास यादव को स्थिति से अवगत कराया गया है, और परिवार ने उनके अधिकारों की रक्षा और उनकी गरिमा को बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। अधिकारियों से इस अन्याय को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया गया है।