नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र के पहले दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए थे। मंगलवार को कोरोना पर चर्चा के लिए राज्यसभा की कार्यवाही कुछ समय तक चली थी, लेकिन लोकसभा में सोमवार और मंगलवार को कोई कामकाज नहीं हो सका था। बकरीद की छुट्टी के बाद संसद के इस सत्र का आज तीसरा दिन है और विपक्षी दलों के अड़ियल रवैये की वजह से आज भी हंगामे और कार्यवाही बाधित होने के आसार हैं।
विपक्षी दल कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल ने साफ कह दिया है कि पेगासस स्नूपिंग मुद्दे पर सरकार जब तक उनकी मांग नहीं मानती, वे संसद चलने नहीं देंगे। इसके अलावा अकाली दल और बीएसपी ने किसानों के मसले पर हंगामा बरपा रखा है। कुछ और दल अपनी मांगों को लेकर सदन में हंगामा बरपा रहे हैं।
संसद के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब स्थापित परंपराओं को धूल में मिलाते हुए विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रियों का परिचय कराने नहीं दिया। पीएम मोदी ने इस पर कहा कि कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है कि मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को बड़े पैमाने पर लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष के तौर-तरीकों की निंदा की है।
19 जुलाई को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार को विपक्ष जरूर घेरे, लेकिन शांति से सरकार की बात भी सुने, लेकिन विपक्ष ने पीएम की ये बात अनसुनी कर दी। मंगलवार को लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहते रहे कि सरकार हर मसले पर चर्चा कराने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष हंगामा बरपाकर चर्चा से भागता हुआ दिख रहा है।