
नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशुपति कुमार पारस ने एडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा, मैं घोषणा करता हूं कि आज तक हम एनडीए के साथ थे मगर अब हम एनडीए के सहयोगी नहीं रहेंगे। इसी के साथ बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी के अगले स्टेप और भविष्य की अपनी रणनीति को लेकर भी जानकारी दी। अगर महागठबंधन हमें सही समय पर उचित सम्मान देता है, तो हम उनके साथ मिलकर राजनीति के बारे में जरूर सोचेंगे।
#WATCH | Patna, Bihar: On his decision to quit NDA, Rashtriya Lok Janshakti Party (RLJP) chief Pashupati Kumar Paras says, “I was with the NDA since 2014 till date. We were loyal allies of the NDA. You must have seen that when Lok Sabha elections were held, people of NDA did… pic.twitter.com/UBW8mlBGxy
— ANI (@ANI) April 14, 2025
आरएलजेपी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने कहा कि 2014 से लेकर आज तक हम एनडीए के साथ थे। हम एनडीए के वफादार सहयोगी थे। आपने देखा होगा कि जब लोकसभा चुनाव हुए तो बिना किसी कारणवश एनडीए गठबंधन के लोगों ने हमारी पार्टी के साथ अन्याय किया क्योंकि यह दलित पार्टी है, फिर भी राष्ट्रहित में हमारी पार्टी ने चुनाव में एनडीए का साथ देने का फैसला किया। लोकसभा चुनाव के 6 से 8 महीने बाद जब कभी भी बिहार में एनडीए की बैठक हुई, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष या जेडी(यू) के प्रदेश अध्यक्ष ने बयान जारी किया कि वे बिहार में ‘5 पांडव’ हैं, उन्होंने कहीं भी हमारी पार्टी का नाम नहीं लिया और उन्हीं लोगों के द्वारा आरएलजेपी के साथ अन्याय किया गया इसलिए, हम मजबूर थे और हमने फैसला लिया चलो गांव की ओर।
भविष्य के विषय में चर्चा करते हुए पारस ने कहा कि हम लोगों के बीच जा रहे हैं और हमने हमारी पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। हम बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने तैयारी कर रहे हैं। भविष्य में जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होगा तो महागठबंधन के लोग अगर हमें सही समय पर उचित सम्मान देंगे तो हम उनके साथ राजनीति के बारे में जरूर सोचेंगे। इस विषय में सर्वसम्मति से पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक के बाद फैसला किया जाएगा। लालू प्रसाद यादव की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में मैंने जब दही चूड़ा दावत का आयोजन किया था तो बीमारी के बावजूद लालू जी ने आकर मेरा मान बढ़ाया था। उस परिवार से मेरा बहुत पुराना और अच्छा रिश्ता रहा है।