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Yogi Adityanath : सत्ता में बैठे लोगों को होना चाहिए धार्मिक, सीएम योगी का उदाहरण देते हुए बोले बरेली के सेशंस जज

Yogi Adityanath : एडिशनल सेशंस जज रवि कुमार दिवाकर ने एक केस की सुनवाई के दौरान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ करते हुए उनकी तुलना दार्शनिक प्लूटो से की।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बरेली कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज रवि कुमार दिवाकर ने एक केस की सुनवाई के दौरान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ करते हुए उनकी तुलना दार्शनिक प्लूटो से की। जज ने कहा कि सत्ता के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को धार्मिक होना चाहिए। एक धार्मिक व्यक्ति का जीवन त्याग और समर्पण का प्रतीक होता है, न कि विलासिता में जीने का। अगर कोई धार्मिक व्यक्ति राज्य का नेतृत्व करता है, तो उसके अच्छे परिणाम मिलते हैं। उदाहरण के लिए, सिद्धपीठ गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर महंत बाबा योगी आदित्यनाथ को ले सकते हैं। वे वर्तमान में हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने उपरोक्त अवधारणा को सच साबित कर दिया है।

जज ने सीएम योगी की तुलना दार्शनिक प्लूटो से करते हुए कहा कि दार्शनिक प्लूटो ने अपनी पुस्तक रिपब्लिक में ‘दार्शनिक शासक’ की अवधारणा को पेश किया है। वर्तमान समय में न्याय शब्द का प्रयोग कानूनी मायने में किया जाता है, जबकि प्लूटो के समय न्याय शब्द का प्रयोग धर्म के अर्थ में किया जाता था। जज ने कहा कि शक्ति का उपयोग करने वालों यानी सत्ता प्रमुख एक धार्मिक व्यक्ति होना चाहिए, क्योंकि एक धार्मिक व्यक्ति का जीवन आनंद का नहीं बल्कि त्याग और समर्पण का होता है। गौरतलब है कि जज रवि कुमार दिवाकर ने 2022 में वाराणसी में तैनाती के दौरान ज्ञानवापी परिसर में पूजा के अधिकार की मांग करने वाली पांच महिलाओं की दायर एक याचिका पर कोर्ट की निगरानी में सर्वेक्षण का आदेश दिया था। उनके आदेश पर कोर्ट कमिश्नर की अगुआई में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया गया था। इसी दौरान ज्ञानवापी के वजूखाने में शिवलिंग पाए जाने की बात सामने आई।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की बरेली कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज रवि कुमार दिवाकर ने बरेलवी संप्रदाय के मौलवी मौलाना तौकीर रजा खान को 2010 की सांप्रदायिक हिंसा का मास्टरमाइंड करार देते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि अगर मौलाना तौकीर रजा खान जैसा कोई धार्मिक व्यक्ति अपने समुदाय को भड़काता है, दार्शनिक शासक की अवधारणा के विपरीत अन्य गतिविधियों में शामिल होता है, तो इससे कानून और व्यवस्था में व्यवधान पैदा हो सकता है। जज ने यह भी कहा कि यदि यूपी में योगी सरकार नहीं होती तो तौकीर रजा ने प्रदेश में एक और दंगा भड़का दिया होता।