नई दिल्ली। अंतरिक्ष में किया जा रहा प्रोटोटाइप रीफ्यूलिंग स्टेशन का प्रयोग सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। जिसके हिसाब से आने वाले समय में अंतरिक्ष में धरती की कक्षाओं में स्थापित सैटेलाइट्स फ्यूल खत्म होने की वजह से निष्क्रिय नहीं हो पाएंगे। अंतरिक्ष में प्रोटोटाइप रीफ्यूलिंग स्टेशन से चांद या मंगल की यात्रा करने के लिए जाने वाले यानों को भी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद से यानों को अंतरिक्ष में ही फ्यूल भरने की सुविधा मिल जाएगी। दरअसल इस साल जून में सैन फ्रांसिस्को स्थित एक स्टार्टअप कंपनी ने धरती की कक्षा में प्रोटोटाइप रीफ्यूलिंग स्टेशन लॉन्च किया था, जो सफलतापूर्वक काम कर रहा है।
ऑर्बिट कंपनी ने की पहल
ऑर्बिट फैब नामक कंपनी ने अंतरिक्ष में धरती की कक्षाओं में रीफ्यूलिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। इस रीफ्यूलिंग स्टेशन का नाम तेनजिंग टैंकर-001 रखा गया है। कंपनी को इस काम के लिए हाल ही में 10 मिलियन डॉलर्स यानी 73.67 करोड़ रुपये की फंडिंग किए जाने की बात कही गई है। इस रीफ्यूलिंग स्टेशन के बाद जिन सैटेलाइट्स का ईंधन खत्म हो चुका है उन्हें ईंधन दोबारा भरकर सक्रिय किया जा सकेगा।
माइक्रोवेव आकार का रीफ्यूलिंग स्टेशन
ऑर्बिट फैब ने प्रोटोटाइप तेनजिंग टैंकर-001 (Tenzing Tanker-001) को स्पेसएक्स (SpaceX) ट्रांसपोर्टर-2 के साथ लॉन्च किया गया था। तेनजिंग टैंकर-001 एक माइक्रोवेव के आकार का है। यह सूरज की कक्षा में धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। सैटेलाइट्स में ईंधन भरने के साथ ही यह धरती की तस्वीरें भी लेगा और मौसम संबंधी जानकारियां भी देगा।