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Turncoat: क्या कारसेवकों पर फायरिंग कराने वाले मुलायम प्रायश्चित कर बन रहे हिंदू ? फोटो से उठा सवाल

साल 1990 के 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को बतौर सीएम रहे मुलायम सिंह ने अयोध्या में कारसेवकों पर फायरिंग कराई थी। इस फायरिंग में तमाम कारसेवकों की मौत हो गई थी। तभी से मुलायम सिंह मुसलमानों के नेता के तौर पर फेमस हो गए थे।

नई दिल्ली। देश की राजधानी में सियासत का ऐसा अचरज भरा नजारा सोमवार रात दिखा कि सबके मन में सवाल उठने लगा कि क्या मुलायम सिंह अब “मुल्ला मुलायम” की जगह हिंदू मुलायम के तौर पर पहचान बनाना चाहते हैं ? सवाल ये भी उठा कि क्या अयोध्या में 1990 को राम मंदिर के कारसेवकों पर फायरिंग का आदेश देने वाले मुलायम प्रायश्चित कर रहे हैं ? ये दोनों सवाल एक फोटो से उठे। फोटो में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के साथ मुलायम सिंह बैठे दिख रहे थे। इस फोटो में एक सोफे पर भागवत और मुलायम बैठे हैं। पहली बार ऐसी फोटो सामने आई है, जब मुलायम ने संघ के किसी नेता के साथ सीट शेयर की। तो चलिए पहले आपको बताते हैं कि दोनों की तस्वीर किस प्रोग्राम में एक साथ आई।

सोमवार रात को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पौत्री का विवाह था। जगमग पंडाल में गेस्ट के बैठने की व्यवस्था थी। यहां सोफे रखे हुए थे। दो लोगों के बैठने लायक एक सोफे पर मुलायम और मोहन भागवत बैठे। ये फोटो शेयर की अर्जुन राम मेघवाल ने। मेघवाल जब भागवत से मिल रहे थे, तो किसी ने फोटो खींच ली। जिसमें मुलायम सिंह भी बैठे दिख रहे हैं। इस फोटो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसा। इस तस्वीर पर यूपी कांग्रेस ने कैप्शन दिया, “नई सपा” में ‘स’ का मतलब ‘संघवाद’ है। बताया जा रहा है कि मुलायम और मोहन भागवत ने साथ ही जलपान किया और करीब 20 मिनट तक आपस में बातचीत करते रहे।

mulayam modi

अब आपको बताते हैं कि आखिर ये सवाल क्यों उठ रहे हैं कि क्या मुलायम हिंदुत्व की ओर जा रहे हैं और कारसेवकों पर फायरिंग का पश्चाताप कर रहे हैं। वजह ये है कि साल 1990 के 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को बतौर सीएम रहे मुलायम सिंह ने अयोध्या में कारसेवकों पर फायरिंग कराई थी। इस फायरिंग में तमाम कारसेवकों की मौत हो गई थी। तभी से मुलायम सिंह मुसलमानों के नेता के तौर पर फेमस हो गए थे। उन्हें लोग “मुल्ला मुलायम” भी कहने लगे थे। मुलायम ने हमेशा ये कहा कि बतौर सीएम बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए उन्हें फायरिंग करानी पड़ी और जब भी ऐसा मौका आएगा, वो फायरिंग कराएंगे। बहरहाल, मुलायम की ताजा फोटो भागवत के साथ आने के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव को भी सवालों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि सपा को मुसलमानों का हितैषी माना जाता है और यूपी के विधानसभा चुनावों में अखिलेश, बीजेपी के खिलाफ जोर-शोर से प्रचार में जुटे हैं।