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Yogi Government : 6 साल में योगी सरकार में नियोजित शहरी विकास को मिला जमकर बढ़ावा, आवास, बिजली, पानी और कनेक्टिविटी पर सरकार का विशेष फोकस

Yogi Government : राज्य स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृन्दावन, मेरठ व शाहजहांपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए रु. 547 करोड़ की परियोजनाएं शुरू कर दी गई हैं। यही नहीं शहरों को कुशल शहरी शहरों में बदलने के लिए शुरू हुई केंद्र सरकार की अमृत योजना में भी यूपी में काफी कार्य हुआ है। इस योजना के तहत स्वीकृत हुई 282 परियोजनाओं में से 221 पूर्ण हो गई हैं।साथ ही इसके अन्तर्गत 8.46 लाख घरों में जलापूर्ति एवं 7.06 लाख घरों में सीवरेज संयोजन सहित हरित भूमि व पार्क विकास की 260 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं।

लखनऊ। छह साल छह दिन के मुख्यमंत्री हो चुके योगी आदित्यनाथ आज जनता के समक्ष अपना रिपोर्ट कार्ड रखेंगे। बीते इन सालों को देखें तो योगी सरकार में नियोजित शहरी विकास को जमकर बढ़ावा दिया गया है। सभी को आवास, बिजली और पानी की उपलब्धता से लेकर बेहतर कनेक्टिविटी पर सरकार का विशेष फोकस रहा है। सरकार एक तरफ जहां स्मार्ट सिटी मिशन के माध्यम शहरों में सुरक्षित माहौल दे रही है। वहीं दूसरी तरफ भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर नई टाउनशिप नीति-2023 लाकर ईज ऑफ लिविंग का स्तर बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को एक लाख ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने की सोच के तहत राज्य के सभी 75 जिलों को आधुनिक शहर बनाने की मंशा रखते हैं। इस मंशा की पूर्ति के लिए उन्होंने सबसे पहले सभी को आवास उपलब्ध हो इस पर ध्यान दिया। जिसका नतीजा रहा कि पिछले छह वर्ष में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) पूरी पारदर्शिता के साथ उत्तर प्रदेश में धरातल पर उतरी। इस योजना के तहत अब तक 17 लाख 62 हजार आवासों का निर्माण किया जा चुका है।

स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत 10 स्मार्ट सिटीज में रु. 2000 करोड़ से इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेन्टर एवं इन्टेलीजेंट ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम क्रियाशील हो गए हैं। वहीं राज्य स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृन्दावन, मेरठ व शाहजहांपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए रु. 547 करोड़ की परियोजनाएं शुरू कर दी गई हैं। यही नहीं शहरों को कुशल शहरी शहरों में बदलने के लिए शुरू हुई केंद्र सरकार की अमृत योजना में भी यूपी में काफी कार्य हुआ है। इस योजना के तहत स्वीकृत हुई 282 परियोजनाओं में से 221 पूर्ण हो गई हैं।साथ ही इसके अन्तर्गत 8.46 लाख घरों में जलापूर्ति एवं 7.06 लाख घरों में सीवरेज संयोजन सहित हरित भूमि व पार्क विकास की 260 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं।

शहरों में रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में योगी सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किया है। सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में रेहड़ी/पटरी/ ठेला लगाने वाले 10,33,132 स्ट्रीट वेन्डर्स को 1190 करोड़ रुपए का ऋण देकर उन्हें प्रोत्साहित किया है। साथ ही
11 शहरों में रु. 1,779,67 लाख से 8,759 शहरी पथ विक्रेताओं हेतु 55 वेंडिंग जोन निर्माण करा रही है। प्रदेश सरकार ने 49242 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 493000 शहरी गरीब परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ा है। यही नहीं 14 शहरों में 740 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसें संचालित आम जनमानस की यात्रा को सुलभ बनाया है। वहीं 08 शहरों में ‘चलो’ ऐप द्वारा अब बसें लाइव प्रदर्शित हो रहीं। इससे यात्रियों के समय की बचत हो रही है।

एक नजर में
– मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना हेतु 550 करोड़ रुपए का प्रावधान।

– नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर व आगरा में मेट्रो रेल सेवा प्रारम्भ गोरखपुर के लिए डीपीआर तैयार।

– एनसीआर क्षेत्र रीजनल रैपिड ट्रांजिट की शुरुआत

– सिस्टम (आरआरटीएस) का विकास। स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के अन्तर्गत 28 शहरों में 4030 टीपीडी क्षमता के सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित

– स्वच्छ भारत मिशन के तहत 75 निकायों में 8921000 टन लिगेसी वेस्ट निस्तारित।

– 8,99,634 व्यक्तिगत तथा 69,381 सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

– 189 नगरीय निकायों के 1100 ब्लाकों में पिंक शौचालयों का निर्माण ।

– दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत शहरी बेघरों के लिए आश्रय गृह निर्माण हेतु 280 करोड़ रुपए स्वीकृत 154 योजनाओं में से 142 पूर्ण।

– दीन दयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत के अन्तर्गत 380 छोटी नगर पंचायतों/नगर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 547 करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत।

– पालिकाओं में आधारभूत सुविधाओं हेतु रु.900 करोड़ निर्गत।

– नगरीय झील/ पोखर/तालाब संरक्षण हेतु 250 करोड़ की 564 परियोजनाएं स्वीकृत।

– सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबन्धित 1327 टन प्लास्टिक जन्त तथा 18.47 करोड़ रुपए का जुर्माना।

– नगरीय निकायों में 4000 गार्बेज बनेंबल प्वाइंट को हटाये गए।

– 312 निकायों में 215 करोड़ रुपए से अंतोष्टि स्थलों का विकास कराया गया है।