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PM मोदी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में BJP ने क्यों तोड़ा था महबूबा से गठबंधन!

BJP Broke Alliance with PDP: PM मोदी ने कहा कि, “जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) से अटल (Atal)जी का एक विशेष लगाव रहा था। अटल जी इनसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात को लेकर हम सबको आगे के काम के लिए दिशा-निर्देश देते रहे हैं।

नई दिल्ली। शनिवार को जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना (Ayushaman Bharat PM-JAY SEHAT scheme) की शुरुआत की। इस मौके पर पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में PDP के साथ कभी सरकार का हिस्सा रहने को लेकर कहा कि एक समय था, जब हम जम्मू और कश्मीर सरकार का हिस्सा थे लेकिन हमने उस गठबंधन को तोड़ दिया। हमारा मुद्दा यह था कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव होने चाहिए, जिससे लोगों को और अधिकार मिल सके हैं और वो अपने प्रतिनिधि चुन सके। इसके लिए जम्मू कश्मीर के लोगों उचित अधिकार दिए जाने चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, “लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देता हूं। District Development Council(डीडीसी) के चुनाव ने एक नया अध्याय लिखा है, मैं चुनावों के हर चरण में देख रहा था कि कैसे कड़ाके की ठंड के बाद भी, कोरोना के संकट में भी नौजवान, बुजुर्ग, महिलाएं बूथ पर अपना मत देने पहुंच रहे थे।

PM Narendra Modi

उन्होंने कहा कि, जम्मू कश्मीर के हर वोटर के चेहरे पर मुझे विकास के लिए, डेवलपमेंट के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। वो सभी चाहते थे कि जम्मू कश्मीर में विकास हो। यहां के हर वोटर की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर कल बनाने का विश्वास देखा।” इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर से अटल जी का एक विशेष लगाव रहा था। अटल जी इनसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात को लेकर हम सबको आगे के काम के लिए दिशा-निर्देश देते रहे हैं। आज जम्मू कश्मीर इसी भावना को लेकर आगे बढ़ रहा है।”

PM Narendra Modi

इस कार्यक्रम में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “जम्मू-कश्मीर में DDC चुनावों में दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ पुडुचेरी की स्थानीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्यूनिसिपल इलेक्शन नहीं करवा रही। उन्होंने कहा कि, आपको जानकर हैरानी होगी कि, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया था, लेकिन इसके बाद भी वहां की सरकार इस मामले को लगातार टाल रही है।

बता दें कि पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में Local Body Polls हुए थे। इन चुनावों में जो चुने गए उनका कार्यकाल साल 2011 में ही खत्म हो चुका है।