
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर भगवान बुद्ध का नाम लेकर दुनिया को शांति का संदेश दिया है। अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस पर गुरुवार को दिल्ली में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वो भरोसे के साथ कह रहे हैं कि दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध के जरिए विवादों का समाधान मिलेगा। मोदी ने इस मौके पर दुनिया के सभी देशों से अपील की कि वे भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से सीखें, युद्ध खत्म कर शांति की राह प्रशस्त करें। मोदी ने कहा कि इसकी वजह ये है कि भगवान बुद्ध ने कहा था कि शांति से बढ़कर सुख नहीं हो सकता।
#WATCH | Delhi: “…Today I say with great confidence that the whole world will find solutions in Buddha and not in Yuddh (war). Today, on the occasion of Abhidhamma Divas, I appeal to the whole world to learn from Buddha, eliminate war, pave the way for peace because Buddha says… pic.twitter.com/q6JyHTGRdy
— ANI (@ANI) October 17, 2024
पीएम मोदी ने पहली बार दुनिया से शांति की अपील नहीं की है। रूस और यूक्रेन के बीच जंग को खत्म कराने की पहल के तहत उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से अपनी 2 बार मुलाकात में बुद्ध के रास्ते पर चलने और शांति से मामले को सुलझाने की सलाह दी थी। पीएम मोदी रूस और यूक्रेन की जंग रुकवाने के लिए बीते दिनों मास्को गए थे। वहां से लौटने के बाद मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव जाकर राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की से भी मुलाकात की थी। यूक्रेन के दौरे पर भी पीएम मोदी ने शांति के जरिए विवाद को खत्म करने की सलाह दी थी।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi inspected the exhibition during the celebration of International Abhidhamma Divas and recognition of Pali as a classical language at Vigyan Bhavan, New Delhi. pic.twitter.com/uqkzZ4AV6p
— ANI (@ANI) October 17, 2024
भगवान बुद्ध का नाम लेकर पीएम मोदी ने दुनिया के देशों को आज जो शांति का पैगाम दिया, उसका भारत के पुराने दुश्मन चीन के लिए भी मतलब है। चीन ने 2020 में पूर्वी लद्दाख में भारत के इलाकों पर कब्जे की कोशिश की। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय जवानों ने कब्जे की नीयत से घुसे चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया। इस संघर्ष में भारत के कर्नल बी. संतोष बाबू समेत 20 जवान भी शहीद हुए। इसके बाद से ही भारत और चीन में जबरदस्त तनाव है। भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में तैनात हैं।