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PM modi’s Message To Uddhav And Raj Thackerey: हर भाषा से प्रेम करना चाहिए, इस तरह उद्धव और राज ठाकरे को पीएम मोदी ने दिया संदेश

PM modi’s Message To Uddhav And Raj Thackerey: भाषा विवाद सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं है। कर्नाटक और तमिलनाडु में भी हिंदी बनाम कन्नड़ और हिंदी बनाम तमिल का मुद्दा उठ चुका है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने तो हिंदी भाषा का जोरदार विरोध तक किया था। तमिलनाडु के नेता वाइको समेत कई और ने भी ऐसी ही बात कही थी। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु की एक जनसभा से हिंदी विरोध कर रहे नेताओं को आईना दिखाया था।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहम मसलों पर देशवासियों के साथ नेताओं को भी संदेश देते रहे हैं। पीएम मोदी कभी सीधे, तो कभी परोक्ष तौर पर अपने शब्दों से संदेश देते हैं। इस बार पीएम मोदी ने मराठी और हिंदी का टकराव पैदा कर रहे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को संदेश दिया। पीएम मोदी ने संदेश देने के लिए उद्धव और राज ठाकरे का नाम नहीं लिया, लेकिन आज उन्होंने एक हस्ती से बातचीत के जरिए ये संदेश दिया है कि किसी भी भाषा से बात करने वाले से प्रेम करना चाहिए।

दरअसल, राष्ट्रपति ने मशहूर वकील उज्ज्वल निकम को राज्यसभा में नामित किया है। इसी की जानकारी देने के लिए पीएम मोदी ने उज्ज्वल निकम को फोन किया था। उज्ज्वल निकम ने बताया कि पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि आपसे हिंदी में बात करूं या मराठी में। उज्ज्वल निकम ने बताया कि इस बात को कहकर पीएम मोदी हंस दिए। मशहूर वकील ने बताया कि पीएम मोदी ने इसके बाद उनसे मराठी भाषा में ही बात की। प्रधानमंत्री ने उज्ज्वल निकम को बताया कि राष्ट्रपति उनको बड़ी जिम्मेदारी दे रही हैं। इस पर उज्ज्वल निकम ने क्या कहा, ये आप उनसे ही सुनिए।

भाषा विवाद सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं है। कर्नाटक और तमिलनाडु में भी हिंदी बनाम कन्नड़ और हिंदी बनाम तमिल का मुद्दा उठ चुका है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने तो हिंदी भाषा का जोरदार विरोध तक किया था। तमिलनाडु के नेता वाइको समेत कई और ने भी ऐसी ही बात कही थी। इसके बाद तमिलनाडु में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा से वहां के नेताओं को आईना दिखाया था। उन्होंने कहा था कि तमिल भाषा को उत्तर भारत तक ले जाने के लिए उनकी सरकार ने किस तरह वाराणसी में तमिल संगम कार्यक्रम किया। उसी जनसभा में पीएम मोदी ने ये खुलासा भी किया था कि अपने राज्य में तमिल के पक्ष में बयान देने वाले नेता जब उनको चिट्ठी लिखते हैं, तो तमिल की जगह अंग्रेजी में दस्तखत करते हैं। पीएम मोदी ने ये बात कहकर बता दिया था कि भाषा विवाद सिर्फ सियासत चमकाने के लिए किया जा रहा है।