नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने दीप जलाकर दिल्ली के भारत मंडपम में बीजेपी के दो दिन के राष्ट्रीय अधिवेशन की शुरुआत की। बीजेपी की दो दिन तक चलने वाली इस राष्ट्रीय स्तर की बैठक में 11000 के करीब प्रतिनिधि और नेता हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक में बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में 370 से ज्यादा सीटें हासिल करने की अपनी रणनीति पर चर्चा करेगी। साथ ही मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रस्ताव भी पास किया जाएगा। बीजेपी के इस सम्मेलन के लिए भारत मंडपम में एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिसे पीएम मोदी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ देखा।
#WATCH | Bharatiya Janata Party’s two-day National Council meet gets underway at Bharat Mandapam in Delhi pic.twitter.com/pBhNE8NfGP
— ANI (@ANI) February 17, 2024
#WATCH | Delhi: PM Narendra Modi visits the exhibition at Bharat Mandapam before the two-day National Convention of the BJP begins. pic.twitter.com/ORpBxI5VUj
— ANI (@ANI) February 17, 2024
बीजेपी के इस राष्ट्रीय सम्मेलन में रविवार को सभी नेताओं को वीडियो प्रेजेंटेशन दिखाया जाएगा। इसके अलावा राम मंदिर बनने पर प्रस्ताव भी पास होगा। साथ ही दोपहर में जेपी नड्डा का संबोधन और सम्मेलन का प्रस्ताव पास किया जाएगा। बीजेपी के इस सम्मेलन का समापन भाषण पीएम नरेंद्र मोदी देंगे। जिसमें वो लोकसभा चुनाव में पार्टी की तीसरी बार जीत के लिए अपना मंत्र सामने रखने वाले हैं। इस सम्मेलन के बाद ही बीजेपी के नेता लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी तरह कूदने वाले हैं। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान मार्च की 12 तारीख तक होने के आसार हैं। 2019 में 11 मार्च को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया था।
बीजेपी के इस सम्मेलन से पहले ही पीएम मोदी चुनावी मोड में आ चुके हैं। संसद के बजट सत्र में उन्होंने एलान किया था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 370 से ज्यादा और एनडीए को 400 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल होगी। अब मोदी के तय किए इसी लक्ष्य को पाने में बीजेपी जुटने वाली है। इस बार बीजेपी का मुकाबला विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन से भी है। हालांकि, इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। वहीं, नीतीश कुमार और जयंत चौधरी गठबंधन को झटका देकर बीजेपी के पाले में जा चुके हैं। इस वजह से अब कांग्रेस समेत बाकी बचे 26 विपक्षी दलों के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर आम राय कायम करने का बड़ा काम है।