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पीएम मोदी ने किया ‘ई-ग्राम स्वराज’, ‘स्वामित्व’ योजना का शुभारंभ, ग्रामीणों को ऐसे होगा बड़ा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके देश भर के ग्राम पंचायतों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर ‘ई-ग्राम स्वराज’ नामक एक एकीकृत पोर्टल और ‘स्वामित्व’ नामक नई केंद्रीय योजना का शुभारंभ किया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके देश भर के ग्राम पंचायतों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर ‘ई-ग्राम स्वराज’ नामक एक एकीकृत पोर्टल और ‘स्वामित्व’ नामक नई केंद्रीय योजना का शुभारंभ किया।

PM Narendra Modi

‘ई-ग्राम स्वराज’ में पंचायत स्तर पर नियोजन, अनुश्रवण, वित्त प्रबंधन तथा ऑडिट की सुविधा उपलब्ध है। वहीं, राज्य सरकारों तथा भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ड्रोन आधारित नवीनतम सर्वेक्षण तकनीक का प्रयोग करते हुए ‘स्वामित्व’ नामक नई केंद्रीय योजना शुरू की गई है।

जानिए क्या हैं ये दोनों योजनाओं और इनकी खास बातें –

ई-ग्रामस्वराज

इस ऐप के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी मिलेगी। ई-ग्राम स्वराज ऐप पंचायतों का लेखाजोखा रखने वाला सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा। इसी से पंचायत में होने वाले विकास कार्यों, खर्च होने वाले फंड और आने वाली योजनाओं की जानकारी मिलेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि गांव के हर व्यक्ति को पता होगा कि क्या योजना चल रही है, कितना पैसा खर्च हो रहा है। यानी कामों में पारदर्शिता आएगी।

PM Narendra Modi

स्वामित्व योजना-

स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। पीएम ने बतााय कि शहरों की तरह गांवों में भी लोग बैंकों से लोन ले सकेंगे। स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन से एक-एक संपत्ति की मैपिंग की जाएगी। इससे लोगों के बीच झगड़े खत्म हो जाएंगे, विकास कार्यों को प्रगति मिलेगी और शहरों की तरह इन संपत्तियों पर बैंक से लोन लिया जा सकेगा। अभी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत 6 राज्यों में इस योजना को ट्रायल के तौर पर शुरू कर रहे हैं। फिर इसे देश के हर गांव में लागू किया जाएगा।