
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार का एक्शन लगातार जारी है। सभी के काले चिट्ठे एक-एक करके उजागर हो रहे हैं। कभी सीबीआई इनके काले कारनामों को उजागर कर रही है, तो कभी ईडी, लेकिन जिनके काले कारनामों का पूरी दुनिया के सामने पटाक्षेप हो रहा है, उनका कहना है कि केंद्र सरकार सत्ता का बेजा इस्तेमाल कर केंद्रीय जांच एजेंसियों का अपने सियासी हित के लिए दुरुपयोग कर रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार सियासी प्रतिशोध से प्रेरित होकर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। विपक्षियों का आरोप है कि उनके विरोधात्मक स्वर को कुचलने के लिए केंद्र की मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। इसी सिलसिले में बीते दिनों सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें उन्होंने केंद्र द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का जिक्र किया था, लेकिन गत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षियों द्वारा दाखिल की गई इस याचिका को खारिज कर दिया था।
इसके साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां किसी भी मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं। जिस पर बाद में बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया भी सामने आई थी। वहीं, अब इस पर पीएम मोदी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद पीएम मोदी ने बीबीनगर में एम्स का शिलान्यास भी किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने सिकंदाराबाद सहित पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने लगे हाथों उन सभी विपक्षी दलों को भी आड़े हाथों लिया जो लगातार केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई से बिलबिलाए हुए हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग बीते दिनों अदालत गए थे और याचिका भी दाखिल की थी। इन लोगों ने कोर्ट का दरवाजा इसलिए खटखटाया था, ताकि इनके भ्रष्टाचार की किताब ना खुले, लेकिन ये लोग खाली हाथ लौटे।
#WATCH | A few days back some political parties had gone to the court to seek protection so that no one opens their corruption books but the court turned them back: PM Narendra Modi, in Hyderabad pic.twitter.com/aROJGxFqaf
— ANI (@ANI) April 8, 2023
पीएम मोदी ने आगे जनसभा को संबोधित करने के क्रम में लोगों से पूछा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ना चाहिए की नहीं लड़ना चाहिए? तभी जनता की ओर से आवाज आई की लड़ना चाहिए। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहिए की नहीं? तो जनसभा की ओर से आवाज आई करना चाहिए। पीएम मदी ने आगे कहा कि कितना भी बड़ा आदमी हो, अगर वो भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो उसके खिलाफ कानूनी कदम उठाने जाने चाहिए की नहीं। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानून को काम करने देना चाहिए की नहीं? तो जनसभा से आवाज आई कि करने देना चाहिए और अब जब इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो ये लोग तिलमिलाए हुए हैं। बौखलाए हुए हैं। कुछ भी किए जा रहे हैं।
ऐसे-ऐसे कदम उठा रहे हैं कि इन्हें खुद भी नहीं पता है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कुछ दिनों पहले ऐसे सभी दल अदालत पहुंच गए थे कि हमें सुरक्षा दो, लेकिन कोर्ट ने वहां भी उनको झटका दे दिया। बता दें कि दिल्ली से लेकर बिहार तक भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई जारी। दिल्ली में जहां पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया आबकारी घोटाले में सलाखों के पीछे हैं, तो वहीं बिहार में लालू परिवार लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहा है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में जांच एजेंसी किसे अपनी रडार पर लेती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।