नई दिल्ली। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से पैदा हुए हालात पर भारत लगातार दूसरे देशों से संपर्क में है। इसी कड़ी में आज पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से लंबी बातचीत की। इससे पहले मोदी ने सोमवार शाम को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत की थी। माना जा रहा है कि काबुल और अफगानिस्तान के दूसरे हिस्सों में फंसे भारतीयों, अफगान मूल के सिख और हिंदुओं को भारत लाने के लिए मोदी इन नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। बता दें कि रूस के राजदूत ने तालिबान की तारीफ की थी और उसे काबुल में हालात कंट्रोल में करने वाला बताया था। अब तक भारत करीब 750 भारतीय समेत 1000 लोगों को उड़ानों के जरिए यहां ला चुका है। काबुल में तालिबान के घुसने के बाद भारत ने वहां के लोगों को शरण देने का एलान किया था।
Had a detailed and useful exchange of views with my friend President Putin on recent developments in Afghanistan. We also discussed issues on the bilateral agenda, including India-Russia cooperation against COVID-19. We agreed to continue close consultations on important issues.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2021
आज सुबह ही काबुल से एक फ्लाइट के जरिए 25 भारतीयों समेत 78 लोगों को भारत लाया गया। इन सभी को पहले ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे ले जाया गया था। इसके अलावा कतर की राजधानी दोहा होते हुए भी भारतीयों को लाने का सिलसिला चल रहा है। काबुल के एक गुरुद्वारे में करीब 200 सिख और हिंदू फंसे हुए थे। इनमें से कुछ को लाया गया है। पवित्र गुरुग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां भी देश लाई गई हैं। काबुल पर तालिबान ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया है। देश के 34 में से 33 जिले उसके कब्जे में हैं। सिर्फ उत्तर की पंजशीर घाटी का इलाका उसके कब्जे से बाहर है।
वहां नॉर्दर्न अलायंस के अहमद मसूद और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह की सेनाएं तालिबान को बड़ा नुकसान पहुंचा रही हैं। अब तक नॉर्दर्न अलायंस से मुकाबले में 400 के करीब तालिबान मारे जा चुके हैं। जबकि, सैकड़ों को गिरफ्तार किया गया है। ताजिकिस्तान के रास्ते हेलीकॉप्टरों से अलायंस के लिए बड़ी तादाद में हथियार भी पहुंचाए जाने की खबर है।