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Bharat Ratna To Lal Krishna Advani: बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का एलान, पीएम मोदी बोले- भारत के विकास में उनका योगदान अतुलनीय

Bharat Ratna To Lal Krishna Advani: लालकृष्ण आडवाणी 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में जन्मे थे। उनके पिता का नाम केडी आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी आडवाणी था। भारत के विभाजन के बाद लालकृष्ण आडवाणी का परिवार पाकिस्तान छोड़कर आ गया था।

नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में डिप्टी पीएम रहे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर ये जानकारी दी है। मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की खबर साझा करते हुए उनको बहुत खुशी हो रही है। मोदी ने लिखा है कि उन्होंने आडवाणी से बात कर उनको भारत रत्न दिए जाने पर बधाई दी। मोदी के मुताबिक लालकृष्ण आडवाणी हमारे दौर के बहुत ही सम्मानित राजनेता हैं और भारत के विकास में उनका योगदान अतुलनीय है। मोदी ने ये भी लिखा है कि छोटे पद से लालकृष्ण आडवाणी डिप्टी पीएम तक बने। वो भारत के गृह और सूचना मंत्री भी रहे। मोदी ने संसद में उनके भाषणों को जानकारी परक भी बताया है।

लालकृष्ण आडवाणी 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में जन्मे थे। उनके पिता का नाम केडी आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी आडवाणी था। भारत के विभाजन के बाद लालकृष्ण आडवाणी का परिवार पाकिस्तान छोड़कर आ गया था। वो जनसंघ के नेता रहे और पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी नेताओं में शामिल रहे। लालकृष्ण आडवाणी ने पहले केंद्र की जनता पार्टी सरकार में सूचना मंत्री का पद संभाला। बाद में जब केंद्र में जनता दल की सरकार बनी और बीजेपी ने उसे बाहर से समर्थन दिया, तो लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकालकर राम मंदिर आंदोलन को बड़ा अभियान बना दिया। उनको बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने गिरफ्तार भी करवाया था। इसके बाद आडवाणी बीजेपी के शिखर पुरुषों में शुमार हो गए और फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उनको डिप्टी पीएम और गृहमंत्री का पद दिया गया।

सोमनाथ से अयोध्या तक लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकालकर राम मंदिर आंदोलन को धार दी थी।

लालकृष्ण आडवाणी बीते महीने अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन पर भी जाने वाले थे, लेकिन ठंड काफी होने की वजह से उन्होंने राम मंदिर न जाने का फैसला किया था। हर साल उनके जन्मदिन पर पीएम मोदी मिलने जाते हैं। लालकृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है। कहा जाता है कि आडवाणी ने ही मोदी को गुजरात का सीएम बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।