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Ayodhya Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में कल प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 4 घंटे रहेंगे पीएम मोदी, श्रीराम जन्मभूमि के अलावा इन मंदिरों में करेंगे पूजा

Ayodhya Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratishtha: भगवान रामलला ने 1949 से लेकर अब तक तमाम दौर देखे। पहले वो बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे में 1949 से 6 दिसंबर 1992 तक रहे। फिर बाबरी ध्वंस के बाद रामलला को टेंट में रहना पड़ा। 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया तो, रामलला के लिए अस्थायी मंदिर बनाया गया।

अयोध्या। रामनगरी में भव्य राम मंदिर भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सज-धजकर तैयार है। फूलों और बिजली की रोशनी से राम मंदिर को सजाया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ भगवान रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कल दोपहर को होगी। इस पूरे आयोजन के लिए पीएम मोदी की अयोध्या यात्रा सोमवार सुबह शुरू होगी। वो करीब 4 घंटे रामनगरी में बिताएंगे।

ram temple and modi 2

जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी कल सुबह 10.25 बजे अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचेंगे। .इसके बाद 10.45 बजे हेलीपैड जाएंगे। हेलीकॉप्टर से 10.55 बजे श्रीराम जन्मभूमि पहुंचेंगे। इसके बाद सरयू का जल लेकर पहले वो हनुमानगढ़ी मंदिर जाएंगे। वहां पूजा-अर्चना करने और बजरंगबली के अनुमति लेकर दोपहर 12 बजे श्रीराम जन्मभूमि स्थल आएंगे। राम जन्मभूमि पर 12.05 बजे से मोदी 12.55 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा की पूजा में हिस्सा लेंगे। फिर दोपहर 1 बजे वो अयोध्या में सार्वजनिक सभास्थल पहुंचेंगे और यहां संबोधन देंगे। मोदी 2 बजे तक यहां रहेंगे। इसके बाद 2.10 बजे कुबेर टीला पहुंचकर वो शिव मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।

उधर, श्रीराम जन्मभूमि में रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि आज रात 8 बजे भगवान रामलला और उनके भाइयों के पुराने विग्रह राम मंदिर के गर्भगृह ले जाए जाएंगे। अब से वहीं उनका पूजन होगा। पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि सोमवार दोपहर 12.30 बजे भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पहले ये जानकारी मिली थी कि 84 सेकेंड का मुहूर्त ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए है। इसी दौरान पीएम मोदी भगवान के नए विग्रह की आंखों पर बंधी पट्टी को खोलेंगे। इसके साथ ही भगवान रामलला अपने मंदिर में स्थापित हो जाएंगे। उनका अस्थायी मंदिर आज शाम को पुराने विग्रह हटाने के साथ ही बंद कर दिया जाएगा।

भगवान रामलला ने 1949 से लेकर अब तक तमाम दौर देखे। पहले वो बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे में 1949 से 6 दिसंबर 1992 तक रहे। फिर बाबरी ध्वंस के बाद रामलला को टेंट में रहना पड़ा। 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया तो, रामलला के लिए अस्थायी मंदिर बनाया गया। तभी से वहां उनकी पूजा हो रही थी। अब राम मंदिर में भगवान विराजेंगे।