newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

चीन और पाक को PM मोदी ने दी लाल किले से चेतावनी, कहा- जिसने चुनौती दी, उसे उसी की भाषा में दिया जवाब

पीएम मोदी(PM Modi) ने लाल किले(Red Fort) से कहा कि, “आतंकवाद हो(पाकिस्तान) या विस्तारवाद (चीन का) भारत(India) इनका आज डटकर मुकाबला कर रहा है। हमारे जवान क्या कर सकते हैं, ये लद्दाख(Laddakh) में दुनिया ने देख लिया है।

नई दिल्ली। शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से देश के नाम अपने संबोधन में बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने भारत के साथ सीमा साझा करने वाले इन दोनों देशों को अगाह करते हुए कहा कि, भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। हमारे जवान क्या कर सकते हैं, ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है।

modi lal kila chin pak

पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि, “आतंकवाद हो(पाकिस्तान) या विस्तारवाद (चीन का) भारत इनका आज डटकर मुकाबला कर रहा है। हमारे जवान क्या कर सकते हैं, ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि जिसने चुनौती दी, उसे उसी की भाषा में जवाब दिया गया।” चीन और पाकिस्‍तान के साथ तनाव के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, “LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है। मैं आज मातृभूमि पर न्योछावर उन सभी जवानों को नमन करता हूं। आतंकवाद हो या विस्तारवाद भारत आज डटकर मुकाबला कर रहा है। आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है।”

imran khan jinping

उन्‍होंने कहा, “192 में से 184 ने भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र में अस्थायी सदस्यता के लिए भारत को समर्थन दिया था। विश्व में कैसे हमने पहुंच बढ़ाई है, उसका यह उदाहरण है। ये तभी होता है जब भारत सशक्त हो, जब भारत सुरक्षित हो।” भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को और गहराई दें।

पीएम मोदी ने कहा, “हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे ज़मीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं।”

Modi Red fort namaste

पीएम मोदी ने कहा, “दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है। हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं। इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जन समूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है। आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है।”