
नई दिल्ली। बुधवार की सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर मोढेरा के सूर्य मंदिर का एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में बारिश के बीच मंदिर देखने लायक ही बन रहा है। इस ट्वीट पर लोग अपने कमेंट में इसकी तारीफ भी कर रहे हैं। बता दें कि मोढेरा के सूर्य मंदिर का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग इसे हिंदुस्तान की खूबसरती बेजोड़ उदाहरण बता रहे हैं।
पीएम मोदी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि, ‘मोढ़ेरा का प्रतिष्ठित सूर्य मंदिर बारिश के दिन में शानदार दिख रहा है। आप भी देखें।’ गौरतलब है कि गुजरात के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। राज्य के कई जिलो में डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं। हालात बिगड़ने के बाद जलाशयों के गेट खोले जा रहे हैं।
Modhera’s iconic Sun Temple looks splendid on a rainy day ?!
Have a look. pic.twitter.com/yYWKRIwlIe
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2020
पीएम मोदी के इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा कि, ’11 वीं सदी में बना भगवान शिव का ये मंदिर विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट से बना हुआ है।’
कुछ इस तरह के आए रिप्लाई
Yes, pls dear NaMo, kindly renovate our ancient hindu heritage sites…
— MeMe Police Fan (@BhoomiSaveEarth) August 26, 2020
Wow… Simply Amazing!! ?? Thanks Prime Minister Modi for Showcasing the brilliant architecture of Our Temples ?
— Rosy (@rose_k01) August 26, 2020
बहुत सुन्दर । अद्भुत ।
— Arnab Goswami (@arnab5222) August 26, 2020
Wow ? ☀?
— Prabhas ❤ (@ivd_RadheShyam) August 26, 2020
??1.The Sun Temple is a Hindu temple dedicated to the solar deity Surya located at Modhera village of Mehsana district, Gujarat, India. It is situated on the bank of the river Pushpavati. It was built after 1026-27 CE during the reign of Bhima I of the Chaulukya dynasty.?️? pic.twitter.com/93It1xhfrm
— Durgesh Gupta (@DurgeshGupta_) August 26, 2020
गजब #हर____हर___महादेव ??
— मनोज कुमार ,मोदी भक्त , वन्दे मातरम् , हिंदी हैं। (@ManojKu86600464) August 26, 2020
भारत की धरोहर pic.twitter.com/OGGYWoHjHY
— Jk, Rajput (@Jagdish22068455) August 26, 2020
मंदिर की बात करें तो मोढेरा का अर्थ है मृत का ढेर। संभवत: अनेक सभ्यताओं की परतों से सम्बंध रखते हुए इसे मोढेरा कहा गया। एक किवदंती के अनुसार मोढेरा ग्राम, ब्राम्हणों के मोढ जाति से सम्बंधित है, जिन्होंने भगवान् राम को उनके आत्मशुद्धी यज्ञ में मदद की थी। पाटन से 30 किमी दक्षिण में मेहसाना जिले में पुष्पावती नदी के किनारे स्थित इस मोढेरा सूर्य मंदिर का उत्कृष्ट एवं विश्र्व प्रसिद्ध वास्तुशिल्प बेमिसाल है। सारी संरचना एक वैज्ञानिक आधार पर तैयार है, जिस पर उत्कीर्ण नक्काशी परंपरा व धार्मिक आस्था का नायाब समन्वय है। यह मंदिर एक समय में पूजा अर्चना, नृत्य एवं संगीत से भरपूर जाग्रत मंदिर था। पाटन के सोलंकी शासक सूर्यवंशी थे एवं सूर्यदेव को कुलदेवता के रूप में पूजते थे। इसलिए सोलंकी राजा भीमदेव ने सन 1026 ई. में इस सूर्य मंदिर की स्थापना करवाई थी। यह दक्षिण के चोल मंदिर एवं उत्तर के चंदेल मंदिर का समकालीन वास्तुशिल्प है।
सूर्य मंदिर की संरचना ऐसी की गई है कि विषयों के समय, यानी 21 मार्च और 21 सितम्बर के दिन सूर्य की प्रथम किरणें गर्भगृह के भीतर स्थित मूर्ति के ऊपर पड़ती हैं। इसका स्पष्ट अर्थ है कि हमारे पूर्वजों को प्राचीन काल में विज्ञान, तकनीक एवं खगोलशास्त्र का सम्पूर्ण ज्ञान था। माना जाता है कि यह मंदिर 23 लैटिट्यूड पर बना है। 21 मार्च व 22 सितंबर इक्विनॉक्स (विषुव) ऐसा समय-बिंदु होता है, जिसमें दिन और रात्रि लगभग बराबर होते हैं। ग्रेगोरियन वर्ष के आरंभ होते समय (जनवरी माह में) सूरज दक्षिणी गोलार्ध में होता है और वहां से उत्तरी गोलार्ध को अग्रसर होता है। वर्ष के समाप्त होने (दिसम्बर माह) तक सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से होकर पुन: दक्षिणी गोलार्द्ध पहुंच जाता है। इस तरह से सूर्य वर्ष में दो बार भू-मध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। इस मंदिर के निर्माण में मूल खण्डों को आपस में गूंथ कर संरचना खड़ी की गयी है। कहा जाता है कि इस पद्धति के कारण यह भूकंप के झटकों को भी आसानी से सहन कर सकता है।