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कैसे बचेगा चीन, पीएम मोदी ने की पुतिन से फोन पर बात, आपसी सहयोग पर बनी सहमति

दोनों नेताओं ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के नकारात्मक परिणामों को दूर करने के लिए किए गए प्रभावी उपायों पर चर्चा करने के साथ इस वैश्विक महामारी की चुनौतियों से साझा तौर पर लड़ने के लिए भारत-रूस के संबंधों के महत्व पर सहमति जाहिर की।

नई दिल्ली। चीन से तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने द्वितीय विश्वयुद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ के आयोजन और संवैधानिक संशोधनों पर सफलता के लिए उन्हें बधाई दी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में साल के आखिर में होने जा रहे द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी को लेकर भी उत्सुकता जताई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून 2020 को मास्को में आयोजित सैन्य परेड में एक भारतीय टुकड़ी की भागीदारी को याद करते हुए इसे भारत और रूस के लोगों के बीच दोस्ती के प्रतीक के तौर पर याद किया।

दोनों नेताओं ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के नकारात्मक परिणामों को दूर करने के लिए किए गए प्रभावी उपायों पर चर्चा करने के साथ इस वैश्विक महामारी की चुनौतियों से साझा तौर पर लड़ने के लिए भारत-रूस के संबंधों के महत्व पर सहमति जाहिर की।

फोन पर वार्ता के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संपर्क और परामर्श की गति बनाए रखने के लिए सहमत हुए, जिससे इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने की उत्सुकता दिखाई।

victory day parade india

गौरतलब है कि 24 जून को रूस में विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया गया था। इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुये थे। केवल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ही नहीं बल्कि भारतीय सेना के तीनों अंग, थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवानों ने भी भाग लिया था।

India-China LAC

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प पर रूस ने चिंता जताई थी। साथ ही विश्वास जताया कि भारत और चीन मिलकर सीमा विवाद को सुलझा लेंगे।