डोडा। पीएम नरेंद्र मोदी आज चुनाव प्रचार के लिए जम्मू-कश्मीर के डोडा जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव 3 चरणों में होने हैं और केंद्र शासित प्रदेश में पीएम मोदी की ये पहली जनसभा है। डोडा में जनसभा कर पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 8 सीटों पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे। वहीं, पीएम मोदी के इस दौरे की खास बात ये है कि वो 50 साल में डोडा के दौरे पर जाने वाले पहले पीएम हैं। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का पीएम मोदी का दौरा इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसी साल जुलाई में यहां आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हुए थे।
डोडा जिले में पहले काफी आतंकवाद रहा है। यहां आए दिन सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ होती रही है। शायद यही वजह होगी कि यहां जल्दी कोई नेता नहीं जाता था। भारत के प्रधानमंत्रियों की बात करें, तो श्रीनगर और जम्मू तो सभी जाते रहे। मोदी भी श्रीनगर कई बार गए, लेकिन डोडा जाकर वो चुनाव प्रचार के साथ ये भी संदेश देने जा रहे हैं कि अब जम्मू-कश्मीर में शांति का वातावरण लौट रहा है और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है। मोदी सरकार के शपथग्रहण की तारीख 9 जून 2024 से एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने सिर उठाने की कोशिश की। खासकर इस बार जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियां ज्यादा हुईं। कठुआ, डोडा, रियासी वगैरा में आतंकियों ने हमले किए। जिसके बाद सेना और अर्धसैनिक बलों को बड़ी तादाद में तैनात कर आतंकियों का सफाया जारी है।
#WATCH | Kishtwar Encounter | J&K: Security forces along with Jammu and Kashmir police continue the search operation in Kishtwar.
Two Indian Army personnel lost their lives in the encounter yesterday.
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/1hhRFEFajh
— ANI (@ANI) September 14, 2024
बीते कुछ समय में जम्मू क्षेत्र में तमाम आतंकी ढेर किए जा चुके हैं। शुक्रवार को ही सेना ने किश्तवाड़ में 2 आतंकियों को मार गिराया था। जबकि, बारामूला में भी ताजा मुठभेड़ में 1 आतंकी के मारे जाने की खबर है। हालांकि, इन ऑपरेशन में सेना के 2 जवान शहीद और 2 घायल भी हुए हैं। फिर भी आतंकियों के खिलाफ पुरजोर ऑपरेशन चल रहा है। मोदी सरकार चाहती है कि आतंकियों को समूल नष्ट किया जाए। ताकि जिस तरह कश्मीर के क्षेत्र में शांति लौटी है, वैसा ही जम्मू क्षेत्र में भी हालात बने और लोग बिना डर के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में वोट डाल सकें।