नई दिल्ली। भारत के रेलवे स्टेशन अंग्रेजों के जमाने में तैयार हुए थे। उस समय स्टेशनों को महज ट्रेनों के ठहराव और यात्रियों के आने-जाने के स्थान के तौर पर बनाया गया था। आजादी के 70 साल से ज्यादा होने के बाद अब भी सैकड़ों रेलवे स्टेशन आधुनिक सुविधाओं वाले नहीं हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ऐसे ही 553 रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प की बड़ी परियोजना को आज हरी झंडी दिखाने वाले हैं। ये रेलवे स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। इन सभी 553 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने में 19000 करोड़ की लागत आने वाली है। इसके अलावा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1500 ओवरब्रिज और अंडरब्रिज की आधारशिला भी पीएम मोदी रखने वाले हैं। इस काम में 21000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार खर्च करेगी।
जिन रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा, वे अमृत भारत योजना के तहत सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और यहां आने वाले यात्रियों को तमाम तरह की सेवाएं एक ही जगह मिल सकेंगी। यहां पर्यावरण को बचाने के साथ ही संस्कृति और वास्तुकला भी स्थानीय स्तर की देखने को मिलेगी और सभी स्टेशन दिव्यांगों के आने-जाने के लिए मददगार साबित होंगे। कुल मिलाकर ये सिटी सेंटर की तरह काम करेंगे। पीएम मोदी इसके अलावा लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन का भी उद्घाटन करेंगे। गोमतीनगर स्टेशन को रेलवे ने 385 करोड़ रुपए में आधुनिकतम सुविधाओं वाला बनाया है। पीएम मोदी रेलवे स्टेशनों, ओवरब्रिज और अंडरब्रिज सुविधा के लिए होने वाले इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे। इस कार्यक्रम को 2000 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों और अन्य जगह ऑनलाइन किया जाएगा।
भारत में रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प और उनको आधुनिक बनाए जाने की शुरुआत मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शुरू किया गया था। देश के तमाम रेलवे स्टेशनों को इस योजना के तहत आधुनिक बनाया गया है। अब आज से जो प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है, वो भारत के ज्यादातर रेलवे स्टेशनों की सूरत और सीरत बदलकर उनको वर्ल्ड क्लास का तैयार कर देगा। इससे रेलवे से सफर के प्रति वो लोग भी उत्साहित होंगे, जो रेलवे स्टेशनों में सुविधाओं की कमी के कारण इसका कम ही इस्तेमाल करते हैं। पर्यटन को भी रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प से बढ़ावा मिलेगा।