नई दिल्ली। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता पहुंचे। यहां वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को संबोधित करेंगे। कोलकाता पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी भवन का दौरा किया। बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी को रिसीव करने और उनका स्वागत करने के लिए कैलाश विजयवर्गीय और स्वपन दास गुप्ता नेताजी भवन पहुंच गए थे।
पीएम मोदी लाइव अपडेट-
हिंदुस्तान का एक-एक व्यक्ति नेताजी का ऋणी है। 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के शरीर में बहती रक्त की एक-एक बूंद नेताजी सुभाष की ऋणी है।
विश्व युद्ध के माहौल में देशों के बीच पल-पल बदलते रिश्तों के बीच क्यों वो हर देश में जाकर भारत के लिए समर्थन मांग रहे थे? ताकि भारत आजाद हो सके, हम और आप आजाद भारत में सांस ले सकें।
नेताजी किसके लिए जीवन भर इतना रिस्क उठाते रहे- हमारे और आपके लिए। वो कई-कई दिनों तक आमरण अनशन किसके लिए करते रहे- आपके और हमारे लिए। वो महीनों तक किसके लिए जेल की कोठरी में सजा भुगतते रहे- आपके और हमारे लिए।
जब आजाद हिंद फौज की कैप में मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उस वक्त मेरे मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था। बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें थीं, एक अलग अनुभूति थी। मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के बारे में सोच रहा था।
2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम से मनाया था। नेताजी ने “दिल्ली दूर नहीं” का नारा देकर लाल किले पर झंडा फैहराने का सपना देखा था, देश ने वो सपना पूरा किया।
नेताजी ने संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे। नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया। उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया।
उन्होंने कहा कि, उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था। उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा। उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया।
आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए। इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया करेंगे।
मैंने अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है। नेताजी के जीवन की ऊर्जा जैसे उनके अंतर्मन से जुड़ गई है। उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूं। मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं।
आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी। आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा।
आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है। बचपन से जब भी ये नाम सुना- नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मैं किसी भी परिस्थिति में रहा हूं, ये नाम कान में पड़ते ही मैं एक नई ऊर्जा से भर गया। इतना विराट व्यक्ति है उनका।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है। बचपन से जब भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का नाम सुना, मैं किसी भी स्थिति-परिस्थिति में रहा, इस नाम से एक नई ऊर्जा से भर गया।
बता दें कि नेताजी को लेकर हो रहे कार्यक्रम में मंच पर जाते ही सीएम ममता ने कहा कि, किसी को आमंत्रण करके इस तरह अपमानित नहीं करना चाहिए। इस तरह से किसी को बेइज्जती नहीं करनी चाहिए। बता दें कि ममता बनर्जी जब मंच पर पहुंची तो वहां जय श्रीराम के नारे लगाए गए। कहा जा रहा है कि इसी को लेकर ममता बनर्जी नाराज हो गईं और मंच पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित प्रदर्शनी में पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे।
#WATCH पश्चिम बंगाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित प्रदर्शनी में पहुंचे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/E5JgV44hty
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 23, 2021
नेशनल लाइब्रेरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल पहुंचे। जहां उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
नेशनल लाइब्रेरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कलाकारों और प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की।
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल लाइब्रेरी में कलाकारों और प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। pic.twitter.com/ZCnfE4umyV
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में नेशनल लाइब्रेरी का दौरा किया। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को पुष्प अर्पित किए।
कोलकाता पहुंचने के बाद पीएम मोदी सबसे पहले नेताजी भवन पहुंचे। वो यहां पर 15 मिनट रहे। पीएम मोदी अब नेशनल लाइब्रेरी पहुंचे हैं।
पश्चिम बंगाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में नेशनल लाइब्रेरी का दौरा किया। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को पुष्प अर्पित किए। pic.twitter.com/yZatNRg3xe
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प्रधानमंत्री मोदी के नेताजी भवन पहुंचने पर वहां ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगे।
गौरतलब है कि कोलकाता जाने से पहले पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा था कि, कोलकाता पहुंच रहा हूं, यहां पर पराक्रम दिवस में शामिल होऊंगा और नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा। वहीं सुभाष चंद्र बोस के परपोते ने शनिवार को कहा कि, बोस परिवार की तरफ से हमने मोदी जी को चिट्ठी लिखी थी कि आप 23 जनवरी को कोलकाता आएं। 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री कोलकाता आए थे, उसके बाद कोई प्रधानमंत्री 23 जनवरी को कोलकाता नहीं आए। बहुत खुशी की बात है कि PM ने ये अनुरोध स्वीकार किया।
Prime Minister @narendramodi on Saturday began his visit to #Kolkata by paying homage to Indian freedom fighter #NetajiSubhashChandraBose and said the country bows to the leader. pic.twitter.com/JeKJcX49ds
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