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कोरोना के नए वेरिएंट Omicron पर पीएम मोदी की बड़ी बैठक, मौजूदा स्थिति पर जताई गंभीर चिंता..

PM Modi’s big meeting on Omicron of Corona: अभी तक इसका कहर दक्षिण अफ्रीका तक ही सीमित है। हालांकि, कई यूरोपिय देशों में इसके दस्तक की खबर ने लोगों को दहशत में ला दिया है। वहीं, पूर्व की स्थिति से सबक लेते हुए भारत कोरोना के इस नए वैरिएंट से निपटने के लिए खुद को सभी मोर्चों पर दुरूस्त कर लेना चाह रहा है।

नई दिल्ली। कितनी ही बेशुमार कोशिशों के बाद तो वीरान रहने वाली गलियां लोगों की आमद से गुलजार होना शुरू हुई थी। कितने ही कोशिशों के बाद बाद दुश्वारियों के दरख्तों को जमीदोज कर राहत की परिंदों ने अपना ठिकाना बनाया था। कितने ही कोशिशों के बाद तो खौफजदा रहने वाले चेहरे पर मुस्कुराहटों का सूरज दिखा था, लेकिन अफसोस अब लगता है कि यह अभी चंदों लम्हों की राहत के बाद एक बार फिर से दुश्वारियों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। खबर है कि कोरोना के नए वैरिएंट जिसका नाम Omicron बताया जा रहा है। कहर बरपाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है, लेकिन राहत की बात यह है कि अभी इसकी भारत में एंट्री को लेकर किसी भी प्रकार की खबर सामने नहीं आई है।

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अभी तक इसका कहर दक्षिण अफ्रीका तक ही सीमित है। हालांकि, कई यूरोपिय देशों में इसके दस्तक की खबर ने लोगों को दहशत में ला दिया है। वहीं, पूर्व की स्थिति से सबक लेते हुए भारत कोरोना के इस नए वैरिएंट से निपटने के लिए खुद को सभी मोर्चों पर दुरूस्त कर लेना चाह रहा है। ताकि कोरोना भी अप्रिय स्थिति पैदा होने पर उससे निपटने के लिए अपने सारे  लाव लश्करों को दुरूस्त किया जा सकें। बता दें कि जिस तरह की स्थिति भारत सरकार कोरोना की पहली दूसरी लहर में देख चुका है,  जिसको ध्यान में रखते इस मर्तबा केंद्र सरकार किसी भी प्रकार की कोताही नहीं दिखाना चाहती है।

Coronavirus

इसी बीच खबर है कि आज यानी की शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना नए वेरिएंट Omicron पर बैठक हुई , जिसमें नए वेरिएंट के होने वाली संभावित दुश्वारियों पर विराम लगाने की दिशा में विचार विमर्श किया गया। बता दें कि इस बैठक में तमाम केंद्रीय मंत्रियों के इतर कई अधिकारी भी शामिल हुए। जिसमें कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा के साथ ही कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण शामिल हुए। इस बैठक के संदर्भ में अधिकारियों ने कहा कि उन जिन देशों में कोरोना के इन नए वैरिएंट़ के कहर के आशंक् व्यक्त की जा रही है , वहां पर तमाम आवाजाही पर वराम लागने  की दिशा में विचार विमर्श किया जाएगा।  कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप के सामने आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने अफ्रीकी देशों से लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में कई देशों के इंटरनेशनल फ्लाइट्स मसलनस दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर सख्ती बरतने की बात कही है। इसके अलावा एक दिन पहले ही नागर विमानन मंत्रालय ने करीब एक साल से ठप इंटरनेशनल उड़ान सेवा 15 दिसंबर से शुरू करने का ऐलान किया था।

वहीं, दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज ने बताया- देश में इस वैरिएंट के अब तक 22 केस मिले हैं। वैज्ञानिकों ने इसे B.1.1.529 नाम दिया है। इसे वैरिएंट ऑफ सीरियस कंसर्न बताया है। जिसे लेकर अब भारत सरकार सतर्क हो चुकी है, जिस संदर्भ में आज पीएम मोदी की अगुवाई में बैठक भी हुई। बता दें कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए बैठक में हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और इजराइल से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए सभी एयरपोर्ट्स को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकारों की निदेश जारी किया जा चुका है कि दक्षिण अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और इजराइल से आने वाले यात्रियों की अच्छी तरह से जांच करें। बैठक में साफ कहा जा चुका है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही स्थिति  को गंभीर कर सकते हैं। हम इससे पहले कोरोना की पहली और दूसरी लहर के भयावह दौर से गुजर ही चुके हैं। वहीं, बैठक में शामिल हुए राज्यों और UTs को लिखे एक लेटर में हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने कहा- पॉजिटिव पाए जाने वाले सैंपल्स को तुरंत जीनोम सीक्वेंसिंग लैबोरेटरी में भेजा जाए।